देश के मीडिया संगठनों ने बुधवार को प्रकाशित विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक, 2023 में भारत के 11 पायदान गिरकर 161वें स्थान पर पहुंचने को लेकर चिंता व्यक्त की है।
नेशनल डेस्क: देश के मीडिया संगठनों ने बुधवार को प्रकाशित विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक, 2023 में भारत के 11 पायदान गिरकर 161वें स्थान पर पहुंचने को लेकर चिंता व्यक्त की है। वैश्विक मीडिया निगरानी संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) दुनिया भर के देशों में प्रेस की स्वतंत्रता पर वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित करती है। आरएसएफ ने पिछले साल 180 देशों के एक सर्वेक्षण में भारत को 150वां स्थान दिया था।
रएसएफ की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘तीन देशों-ताजिकिस्तान (एक स्थान गिरकर 153वें स्थान पर), भारत (11 स्थान गिरकर 161वें स्थान पर) और तुर्किये (16 स्थान गिरकर 165वें स्थान पर) में स्थिति ‘समस्याग्रस्त’ से ‘बहुत खराब’ हो गई है।” विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘अन्य स्थिति जो सूचना के मुक्त प्रवाह को खतरनाक रूप से प्रतिबंधित करती है, वह नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने वाले कुलीन वर्गों द्वारा मीडिया संस्थानों का अधिग्रहण है।”
इंडियन वुमन्स प्रेस कोर, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और प्रेस एसोसिएशन ने सूचकांक में देश के स्थान में गिरावट पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया। संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘आरएसएफ की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत सहित कई देशों में प्रेस स्वतंत्रता के सूचकांक खराब हुए हैं।” बयान में कहा गया, ‘‘ग्लोबल साउथ में विकासशील लोकतंत्रों के लिए जहां असमानता की गहरी खाई मौजूद है, मीडिया की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता है।
इसी तरह अनुबंध पर बहाली जैसी अस्थिर कामकाजी परिस्थितियां भी प्रेस की स्वतंत्रता के समक्ष चुनौतियां हैं। असुरक्षित कामकाजी परिस्थितियां कभी भी स्वतंत्र प्रेस में योगदान नहीं दे सकतीं।” कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत के स्थान में गिरावट को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम सभी के लिए शर्म से सिर झुकने समय : विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में 161वें स्थान पर पहुंचा।”
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