सुशील मोदी ने कहा कि पिछले साल जहरीली शराब से मोतिहारी-नवादा में बड़ी संख्या में लोगों के मरने की घटना के बाद संवेदनहीन रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने से साफ इन्कार कर दिया था और यहां तक कहा था कि “जो पायेगा, सो मरेगा।”..
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा के लगातार दबाव बनाने पर राज्य सरकार ने जहरीली शराब से मरने वाले 38 लोगों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्णय किया, जबकि ऐसे मामले में 500 से ज्यादा गरीबों की जान जा चुकी है।
सुशील मोदी ने कहा कि पिछले साल जहरीली शराब से मोतिहारी-नवादा में बड़ी संख्या में लोगों के मरने की घटना के बाद संवेदनहीन रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने से साफ इन्कार कर दिया था और यहां तक कहा था कि “जो पायेगा, सो मरेगा।” उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों में 90 फीसद लोग दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों के थे। पुलिस ने उन्हें डरा-धमका कर न प्राथमिकी दर्ज कराने दी और न शवों का पोस्टमार्टम कराया।
“दलितों-पिछड़ों पर से 4 लाख मुकदमे वापस ले सरकार”
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जब मृतकों की संख्या छिपाने के लिए एफआइआर-पोस्टमार्टम होने नहीं दिए गए, तब अनुग्रह राशि के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट को अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत जो 4 लाख से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं, उन्हें वापस लेकर एक बार सबको आम माफी दी जानी चाहिए। मोदी ने कहा कि आम माफी की घोषणा से हजारों लोगों की रिहाई होगी और अदालतों पर मुकदमे का बोझ काफी कम होगा। उन्होंने कहा कि 2016 के पूर्ण मद्यनिषेध कानून में अब तक इतने संशोधन हो चुके हैं कि यह सिर्फ कागज पर रह गया है।
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