संजय जायसवाल का कहना है कि प्रशासन, पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा. प्रशासन स्वयं शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छुपाने का काम कर रहा है.
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में कथित तौर पर जहरीली शराब से रविवार सुबह तक हुई 12 मौतों पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सवाल उठाए हैं. संजय जायसवाल ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि मुझसे जहरीली शराब पर जेडीयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था. आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा? क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां सांत्वना देता तो आपके लिए अपराध है.
संजय जायसवाल ने आगे कहा कि अगर शराबबंदी लागू करना है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन द्वारा गलत बयान देने वाले उस बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए, क्योंकि प्रशासन का काम जिला चलाना होता है ना कि जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों को अजीबोगरीब बीमारी से मरने का कारण बताना. यह साफ बताता है कि प्रशासन स्वयं शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छुपाने का काम कर रहा है. दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्री होने दी. 10 वर्ष का कारावास इन पुलिसकर्मियों को होना चाहिए ना कि इन्हें दो महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना जहां वह यह सब काम चालू रख सकें. तीसरा सबसे बड़ा अपराधी शराब माफिया है जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाता है. इसको पकड़ना भी बहुत आसान है. इन्हीं पुलिसकर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा.
संजय जायसवाल ने कहा कि शराब बेचने वाले और पीने वाले दोनों को सजा अवश्य होनी चाहिए पर यह उस हाइड्रा की बाहें हैं जिन्हें आप रोज काटेंगे तो रोज उग जाएंगे. जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन, पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा.
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