पटनाः शिक्षक वह प्रकाश है जो सभी के ज़िन्दगी में रोशनी भर देता है। शिक्षक अपनी शिक्षा के ज़रिये व्यक्ति ,समाज और राष्ट्र का निर्माण करता है। शिक्षा वह मज़बूत ताकत है जिससे हम समाज को सकारात्मक बदलाव की ओर ले जा सकते है। शिक्षक विद्यार्थिओं को आने वाले बेहतर भविष्य के लिए तैयार करते है। शिक्षक हमारे मार्गदर्शक और हमारे व्यक्तित्व के निर्माता होते हैं। वे जलते हुए दीपक की तरह स्वयं जलकर, हमारी जिंदगियों में उजाला भरते हैं। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सुनील कुमार सिंह प्रख्यात नेत्र रोग विशेषज्ञ ने आगे कहा कि छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व को आकार देने और भविष्य को उज्ज्वल बनाने में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे उन्हें देश का एक आदर्श नागरिक बनाते है। शिक्षकों को हमेशा सम्मान और प्रेम देना चाहिए क्योंकि शिक्षक हमें सफलता के रास्ते पर भेजने की कोशिश करते हैं।शिक्षक के बिना जीवन में सफलता की कल्पना करना असंभव है। भारतीय परम्परा के अनुसार, “एक शिक्षक वो जलता हुआ दीपक है, जो खुद जलकर दूसरों की जिंदगियों में उजाला भर देता है।हमें हमेशा शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए।
कुछ बच्चे ने अपने अपने परफॉर्मेंस से सबों का दिल जीत लिया। डॉक्टर सुनील कुमार सिंह ने कोरोना को लेकर अपनी ओर से सबों को सुरक्षा और बचाव किस्स तरह से किया जाए विस्तारपूर्वक बताया। कार्यकर्म डेस्टिनी होटल पाटलिपुत्र गोलंबर के पास मनाया गया
कॉमर्स जोन के डायरेक्टर रौशन कुमार झा और शिवानी झा ने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक विद्वान शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के अमूल्य 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में इस देश के भविष्य को संवारने में दिये थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए हर वर्ष उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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