पटना, 1 नवम्बर : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है की बिहार में जहां एक तरफ पहले से बहाल शिक्षकों को सही समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है उन्हें राज कर्मी का दर्जा नहीं दिया जा रहा है। वही महागठबंधन सरकार ने शिक्षक नियुक्ति इवेंट के नाम पर एक नया घोटाला हो रहा है । शिक्षक नियुक्ति इवेंट के नाम पर करोड़ों रुपए की बर्बादी किया जा रहा है सिर्फ अपना चेहरा चमकाने एवं राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए।
बिहार में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया हो या सरकार के अन्य विभाग में भ्रष्टाचार के कारण बिहार के युवाओं का बिहार में ही नौकरी पाने के सपनों का लगातार दमन हो रहा है।
श्री अरविन्द ने कहा है कि आज जहां बिहार में एसटीईटी (STET) एवं अन्य अभ्यार्थियों के शिकायतों को सुनने वाला कोई नहीं है, लगातार उनके शिकायतों की अनदेखी होती आ रही है।
वहीं छोटे सरकार अपना चेहरा चमकाने में मस्त है पहले तो उन्हें 10 लाख सरकारी नौकरी देने का सब्ज्ज बाग दिखाया जाता है फिर उनके सपनों का चुनाव के समय राजद के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। और उनके पीठ में खंजर मारने का काम किया जाता है।
फिर बड़े सरकार के द्वारा 20 लाख का वादा करके उनके सपनों को चूर चूर किया जाता है।
दूसरी ओर नए लोगों को बहाल करने के जगह सिर्फ पच्चीस – तीस हजार लोगों को बहाल कर के पूर्व से बहाल लोगों को नियुक्ति पत्र देकर उनकी गणना कर अपना पीठ थप थपा रही हैं महागठबंधन सरकार।
लगातार सरकार का रोजगार के प्रति उदासीन रवैया रहा है। पूर्व में सीटेट बीटेट अभ्यर्थियों पर लाठी बरसाना, अभियर्थियो का समय पर परीक्षा नहीं करवाना, फिर पेपर लीक का मामला, परीक्षा करवाने पर रिजल्ट में धांधली और अब शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा हो।
एक समय था जब तेजस्वी यादव जी घूम-घूम कर अपने पिताजी के कार्यकाल के लिए माफी मांगते थे। 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा बिहार के युवाओं से घूम घूम कर किए थे।
लेकिन आज के महागठबंधन सरकार के धांधली वाले दौर से बिहार के युवा काफी हतोत्साहित है एवं खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और पुनः राजद के 15 साल वाले जंगलराज वाले दौर की तरह बिहार अग्रसर है। वहीं बेरोज़गार बाहर पलायन करने को पुनः मजबूर होते जा रहे हैं।
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