जनहित के मुद्दों की सदन में उपेक्षा लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं – विजय कुमार सिन्हा
कानून व्यवस्था पर सरकार की असफलता के कारण राज्य में अराजकता- विजय कुमार सिन्हा
24 मार्च 2023, पटना
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने सरकार द्वारा चलते बिहार विधानसभा सत्र में कानून व्यवस्था, हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार, बैंक डकैती जैसे जनहित के मुददों पर जवाब नहीं दिये जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
श्री सिन्हा ने कहा कि मंत्री इजरायल मंसूरी के मुद्दे पर सदन में उन्होंने सरकार का ध्यानाकृष्ट कराया। मुख्यमंत्री जी ने जांच की घोषणा सदन में की लेकिन अभी तक कांटी हत्याकांड मुद्दे पर न तो मंत्री का नाम एफ. आई. आर में जोड़ा गया न ही उनका इस्तीफा लिया गया।
श्री सिन्हा ने कहा कि जेठुली नरसंहार, छपरा नरसंहार,गोपालगंज में युवक की पीट- पीट कर हत्या, बालू माफियाओं के द्वारा हजारों राउंड गोली फायर किया जाना, भागलपुर में महिला का प्राइवेट पार्ट काट लिया जाना, समस्तीपुर में रघुवीर स्वर्णकार हत्याकांड,कई जिलों में दर्जनों हत्या, लूट, अपहरण आदि मामलों में सरकार का बार-बार ध्यानाकृष्ट कराये जाने के बाद भी कोई उत्तर नहीं दिया।
और न ही संज्ञान सरकार के द्वारा लिया गया जिससे बिहार फिर से जंगलराज नहीं गुंडाराज की ओर कदम बढ़ा रहा है।
श्री सिन्हा ने कहा कि इन सभी मुद्दों पर भाजपा के सदस्यों ने कार्य स्थगन एवं ध्यानाकर्षण की
सूचना दी जिसे अध्यक्ष बिहार विधान सभा ने सरकार के दबाद में अस्वीकृत कर दिया।
श्री सिन्हा ने कहा कि आज तक निर्धारित 17 बैठकों में 15 बैठक हुई लेकिन भाजपा का मात्र तीन अद्द ध्यानाकर्षण स्कीकृत किया गया। यह आंकडा दर्शता है कि सदन में उत्तर देने में सरकार कितनी डरी हुई है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने पूर्व निर्धारित 7 मार्च 2023 की बैठक होली के अगजा हेतु स्थगित करने की मांग कार्यमंत्रगणा की बैठक में की लेकिन उसे अस्वीकृत कर दिया गया। बाद में उसी तिथि को मुसलमानों का पर्व शबै बारात के कारण उस पर अगले दिन विचार हुआ और सदन स्थगित कर दिया गया।
श्री सिन्हा ने कहा कि अब सदन की मात्र 5 बैठके बची है। सरकार इन बैठकों में भी लोक हित के मुद्दे पर उपेक्षा का भाव दिखायेगी। बिजली दर में भारी वृद्धि के मुद्दे को भी उन्होंने आज सदन में उठाया लेकिन उर्जा मंत्री ने मुल्यवृद्धि वापस लेने से इंकार कर दिया। बढ़ी दरे 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी। इस से बिहार के कृषि कार्य, औद्योगिक कार्य, व्यापार सहित कई लघु उद्योग कुटिर उद्योग प्रभावित होगा।
श्री सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन की सरकार सदन का कोई महत्व नहीं दे रही है। लोकतंत्र के लिये यह शुभ नहीं है।
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