बिग अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, पटना के डॉक्टर डॉ. अनिल कुमार झा ने न्यूरो संबंधी बीमारियों को लेकर लोगों को किया जागरूक, कहा न करें इन लक्षणों को नजरअंदाज
पटना, बुधवार 03 जनवरी 24: बिहार के बिग अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल, पटना में न्यूरोलॉजी विभाग के हेड लोकप्रिय न्यूरोलॉजिस्ट जो कि पिछले 10 वर्षों से न्यूरोलॉजिकल समास्याओं से पीड़ित मरीजों को नया जीवन दे रहे, डॉ. अनिल कुमार झा ने न्यूरोलॉजिकल समास्याओं के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से बिग अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल,पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने अवेयरनेस सेशन में कहा कि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग खुद की सेहत पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. वह घंटों एक स्थान पर बैठकर काम करते हैं. इस वजह से गर्दन और पीठ में दर्द भी बना रहता है. अकसर यह समस्या हड्डियों से जुड़ी किसी बीमारी का संकेत होती है, लेकिन अगर इसके साथ आपको लगातार सिर दर्द की शिकायत भी बनी हुई है और शरीर के अंगों में कुछ बदलाव महसूस हो रहा है तो यह न्यूरोलॉजिकल समस्या (Neurological disorder) की शुरुआत हो सकती है.
जानकारी के लिए बता दें कि डॉ. झा ने बताया कि सिर,गर्दन और पीठ में बना रहता है दर्द तो आपको सतर्क होना आवश्यक है क्यूँ कि, ये न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के लक्षण है. इसलिए अगर ऐसा कोई भी लक्षण दिख रहा है तो तुरंत डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए. क्योंकि न्यूरो से जुड़ी किसी भी बीमारी में तत्काल इलाज की जरूरत होती है.
बिहार के बिग अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल, पटना में न्यूरोलॉजी विभाग के हेड डॉ. अनिल कुमार झा, के मुताबिक, न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर होने पर हमारे शरीर में कई प्रकार की परेशानियां एक साथ हो सकती है. यह एक ऐसी समस्या है जो हमारे नर्वस सिस्टम ( Nervous System) को नुकसान पहुंचाती है. न्यूरोलॉजिकल समस्या आमतौर पर किसी वायरल या संक्रमण के कारण होते हैं. न्यूरो संबंधी कोई समस्या होने पर लोगों को कई प्रकार के रोग हो सकते हैं. इनमें शरीर के किसी हिस्से में लकवा मारने के साथ साथ ब्रेन स्ट्रोक और हमारी याद्दाशत भी प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा डिमेंशिया, मिर्गी, ब्रेन ट्यूमर (Brain tumour) जैसी गंभीर बीमारी भी हो जाती है.
डॉ. अनिल कुमार झा आगे बताते है कि अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है या उसे अपने चेहरे की बनावट में मामूली परिवर्तन भी नजर आता है तो यह भी न्यूरो समस्या का लक्षण होता है. समय पर इनका इलाज़ नहीं होता तो खतरा काफी बढ़ जाता है. इसी समस्या से ही ब्रेन स्ट्रोक (Brain stroke) भी आता है. स्ट्रोक के कई मामलों में यह देखा जाता है कि मरीज देरी से अस्पताल पहुंचा है. इसका कारण यह होता है कि लोग न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान नहीं देते हैं. आम तौर पर कोई बीमारी होने पर लोग दवा खा लेते हैं, लेकिन न्यूरो समस्या के लिए डॉक्टर के पास तत्काल जाना जरूरी होता है.
डॉ. अनिल कुमार झा का कहना है कि अधिकतर बीमारियों की जड़ हमारी खराब जीवनशैली (Lifestyle) होती है. इससे ही हमारा शरीर बीमारा रहने लगता है, जिसका असर धीरे-धीरे दिमाग पर भी पड़ने लगता है. न्यूरो संबंधी समस्याओं से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि हम स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं. साथ ही अगर कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं तो बीच बीच में ब्रेक भी लेतें रहें और नियमित रूप से व्यायाम भी करें
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