नई दिल्ली: सीबीआई ने कई राज्यों में संचालित अवैध नौकरी के आरोप में एक रैकेट का भंडाफोड़ किया एवं मामले की जारी जांच में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। यह आरोप है कि इन आरोपियों की कार्यप्रणाली, नौकरी चाहने के लिए बेताब लोगो से संपर्क करना था, जो केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के पदों हेतु परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।
सीबीआई ने छः आरोपियों एवं अज्ञात लोक सेवकों व अन्यों के विरुद्ध मामला दर्ज किया। यह आरोप है कि निजी व्यक्तियों का संगठित गिरोह, केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों तथा सार्वजनिक उपक्रमों में संभावित नौकरी चाहने वालों से प्रोसेसिंग फीस/सुरक्षा जमा की आड़ में भारी धनराशि(10 से 20 लाख रु. , कभी कभी किस्तों में) ले रहा था। आगे यह आरोप है कि अलग-अलग आरोपियों के कई स्तर थे, जो इस तरह से काम कर रहे थे कि कोई भी संभावित नौकरी चाहने वाला तथाकथित सुरक्षा जमा की वापसी या नौकरी की किसी भी तरह की पुष्टि हेतु अगले स्तर के आरोपी से संपर्क न कर सके। यह भी आरोप है कि आरोपियों ने फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने, विभिन्न केंद्रों पर फ़र्जी प्रशिक्षण हेतु बुलावा पत्र/कॉल लेटर एवं फर्जी प्रशिक्षण केंद्रों पर उम्मीदवारों के फर्जी दस्तावेज जारी करने की एक संपूर्ण प्रणाली विकसित की थी। आरोपियों ने नौकरी चाहने वालों के एक समूह के लिए विभिन्न राज्यों में नकली प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की व्यवस्था अपनाई एवं अपने तौर-तरीकों की वास्तविकता दर्शाने के उद्देश्य से नौकरी चाहने वालों के लिए बाद में भी प्रशिक्षण आयोजित किए।आरोपी, एक वास्तविक व्यवस्था प्रस्तुत करने के लिए नौकरी चाहने वालों को वास्तविक सरकारी कार्यालयों के परिसरों में नियुक्ति पत्र एवं प्रशिक्षण कॉल लेटर सौंपने के लिए भी बुलाते थे।
पटना, मुंबई, बेंगलुरु, मैंगलोर एवं धनबाद में नौ स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें मुंबई के साकीनाका में दो नकली प्रशिक्षण केंद्र व पटना (बिहार) में एक नकली प्रशिक्षण केंद्र शामिल है, जहाँ कथित तौर पर केंद्र सरकार के विभिन्न विभाग जैसे एफसीआई, रेलवे, जीएसटी, आदि में तथाकथित नौकरियों के लिए फर्जी नियुक्तियों के पश्चात लगभग 25 नौकरी चाहने वालों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। साकीनाका प्रशिक्षण केंद्र में तलाशी के दौरान अधिकांश नौकरी चाहने वाले कर्नाटक से एवं कुछ महाराष्ट्र से पाए गए। तलाशी के दौरान फर्जी कॉल लेटर, फर्जी नियुक्ति पत्र, नौकरी चाहने वालों के फर्जी प्रशिक्षण डोजियर जैसे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।
बेंगलुरु में, एक आरोपी को दो संभावित नौकरी चाहने वालों को कथित तौर पर वास्तविकता दर्शाने के लिए नियुक्ति पत्रों पर हस्ताक्षर करने हेतु जीएसटी कार्यालय के अंदर ले जाते हुए पकड़ा गया। मैंगलोर में, दो मुख्य सरगना/प्रमुख (आरोपियों) को संभावित नौकरी चाहने वालों के लिए एक नया नकली प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की तैयारी करते हुए पकड़ा गया।
आगे यह आरोप है कि पिछले दो वर्षों से, आरोपी, फर्जी नौकरी रैकेट चला रहे थे एवं नौकरी चाहने वालों से करोड़ों रु. ठगे। यह भी आरोप है कि आरोपियों ने पूर्व में नागपुर (महाराष्ट्र), धनबाद (झारखंड), पटना व बक्सर (बिहार) तथा बेंगलुरु (कर्नाटक) में नौकरी चाहने वालों को फर्जी प्रशिक्षण दिया था।
गिरफ्तार आरोपियों को सक्षम अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।
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