सीबीआई ने रजनी प्रिया को दिल्ली में गिरफ्तार करने के बाद गाजियाबाद की एक अदालत से ट्रांजिट रिमांड लेकर पटना स्थित सीबीआई के विशेष प्रभारी न्यायाधीश महेश कुमार की अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में लेने के बाद 21 अगस्त 2023 तक..
पटना: बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले के 24 से अधिक मामलों में आरोपित और छह वर्षों से फरार चल रही मुख्य अभियुक्त रजनी प्रिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया।
21 अगस्त तक के लिए भेजा बेउर जेल
सीबीआई ने रजनी प्रिया को दिल्ली में गिरफ्तार करने के बाद गाजियाबाद की एक अदालत से ट्रांजिट रिमांड लेकर पटना स्थित सीबीआई के विशेष प्रभारी न्यायाधीश महेश कुमार की अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में लेने के बाद 21 अगस्त 2023 तक के लिए पटना के आदर्श केंद्रीय कारागार बेउर भेजने का आदेश दिया। मामला करोड़ो रुपयों के सृजन घोटाला से जुड़ा है। अदालत में मामला विशेष वाद संख्या 12/2020 के रूप में दर्ज है जबकि सीबीआई ने इस मामले की प्राथमिकी आरसी 14/ ए/2017 के रूप में दर्ज की थी। आरोप के अनुसार, भागलपुर जिले में महिला सशक्तिकरण एवं सुद्दढ़ीकरण की सरकारी योजनाओं की करोड़ों रुपयों की सरकारी राशि का सरकारी कर्मचारियों एवं सृजन महिला विकास सहयोग समिति नाम की स्वयंसेवी संस्था की मिलीभगत से धोखाधड़ी एवं जालसाजीपूर्वक गबन का है।
CBI ने 27 लोगों के खिलाफ दाखिल किया आरोप पत्र
प्रस्तुत मामले में सीबीआई ने भागलपुर के पूर्व जिलाधिकारी के. पी. रमैया समेत 27 लोगों के खिलाफ 18 मार्च 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया है। आरोप पत्र में सृजन की संचालिका मनोरमा देवी को मृत दिखाया गया है जबकि मनोरमा देवी के पुत्र अमित कुमार एवं पुत्रवधू रजनी प्रिया को फरार दिखाया गया था। बाद में अदालत से जारी वारंट के आधार पर भी जब इन दोनों की गिरफ्तारी नहीं हुई तब अदालत ने 20 मार्च 2023 को इन दोनों को भगोड़ा घोषित करते हुए गिरफ्तारी का स्थाई गैर जमानती वारंट जारी किया था। अमित कुमार अभी भी फरार है जबकि के. पी. रमैया इस मामले में जमानत प्राप्त कर चुके हैं।
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