रामपरी देवी उम्र 40 साल पिछले दस सालों से पेट दर्द से परेशान थी। करीब दो महिने पहले उसे लगातार उल्टी होती रही तथा मल त्याग करने में भी दिक्कत आती रही। एक सप्ताह वैरगनियों में लोकल डाक्टर के द्वारा इलाज किया गया परन्तु पेट दर्द,
उल्टी लगातार जारी रह, जिसके बाद एक सप्ताह मोतिहारी में भी इलाज किया गया वहाँ पर भी उसे बहुत फायदा नहीं हुआ । उसके बाद वह मुजफ्फरपुर में भी इलाज के लिए आई जहाँ पर उसे छोटी आँत का कैंसर बताया गया। इसके बाद वहाँ से रेफर पटना किया गया।
वैरगनियाँ के समाज सेवी दिपु कुमार के द्वारा उसे पटना के प्रसिद्ध गैस्टो सर्जन डा० संजीव कुमार के पास लाया गया जो कि मूलतः वैरगनियाँ (सीतामढ़ी) के रहने वाले हैं। पटना के प्रसिद्ध सीनियर गैस्टो सर्जन डा० संजीव कुमार ने अपने मेडीमैक्स अस्पताल में भर्ती किया और सारा जाँच फिर एक बार करवाया जिसमें प्राजल इमेजिंग सेन्टर पटना के रेडियोलोजिस्ट डा० स्वेता रावत की विशेष भूमिका रही सारी जाँच के बाद ऑपरेशन का फैसला लिया गया. ऑपरेशन करीब तीन घंटे का रहा जिसमें स्टेपलर विधि का प्रयोग किया गया जिसमें छोटी आंत के एक बड़े भाग को काटकर हटाया गया तथा स्टेपलर से उसे जोड़ा गया यह विधि अभी कुछ ही पटना के प्राईवेट अस्पताल में किया जाता है। यह विधि बहुत ही कारगर होती है उसमें लीक होने का ऑत में बहुत ही कम संभावना होती है। इस मरीज को इसके साथ ही पूरे शरीर में बड़-बड़े दाने थे जिसे मेडिकल भाषा में न्यूरो फाइब्रोमेटोसिस टाइप 1 कहते हैं। इस तरह का करीब पहला मामला पटना में आया जिसमें ऑत में कैंसर एसोसिएट था और मरीज न्यूरो फाइब्रोमेटोसिस से पीड़ीत है।
मेडिमैक्स अस्पताल में डाक्टरों की टीम ने सीनियर गैस्टो सर्जन डा० संजीव कुमार, डा० अरविन्द कुमार सिंह, डा० किशन कुमार तथा निश्चेतना में डा० संतोष कुमार रहे। इस आपरेशन में स्टाफ पंकज, मनोज, प्रियंका पंडित जी तथा सोनाली की भी विशेष भूमिका रही।
इस सफल ऑपरेशन में डा० संजीव कुमार ने सभी डाक्टरों तथा स्टाफ को बधाई दी है तथा अपनी निरंतर सेवा बिहार, झारखंड, बंगाल, यूपी, तथा नेपाल के लोगो को देने का वचन दोहराया है। उन्होंने यह भी कहा कि सारे आधुनिक और दूरबीन पद्धति से आपरेशन मेडिमैक्स अस्पताल में कम खर्च में किया जा रहा है।
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