विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भी विशेष गतिविधियां की जाएंगी
पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरुकता लाने को लेकर एक से 15 अप्रेल तक स्वच्छता पखवाड़ा चलाया जायेगा। इसके तहत राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों को स्वच्छता से संबंधित गतिविधयों में जोड़ने की पहल की गयी है, जो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित है। पखवाड़ा के साथ-साथ सात अप्रैल को होने वाले विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भी विशेष गतिविधियां की जाएंगी। राज्य में पखवाड़ा सुलभ तरीके से संचालित करने के लिए स्वच्छता पखवाड़ा कमिटि भी गठित की गई है।
श्री पांडेय ने कहा कि पखवाड़ा के दौरान स्वच्छता कैंप, रैली, पोस्टर, रंगोली, निबंध लेखन की प्रतियोगिताएं, नुक्कड़ नाटक, वॉल पेंटिंग, वीडियो तैयार करने की प्रतियोगिता, स्वच्छता से संबंधित चुनौतियों एवं स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के माध्यम से समुदाय में जागरुकता लाना है। स्वास्थ्य संस्थानों के आसकृपास डाक्टर, कर्मचारियों एवं आशा के सहयोग से भी स्वच्छता लाना है। समुदाय में स्वच्छता दिवस, सार्वजनिक स्थलों जैसे स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र में श्रमदान आयोजित करना है। स्थानीय गैर सरकारी संगठनों एवं स्वयं सहायता समूह को श्रमदान में शामिल करना है। साथ ही पेड़ लगाना है और प्रदूषण के खतरे को कम करने के लिए भी लोगों में जागरुकता लाना है। स्कूल व कॉलेजों में किशोरियों के साथ मासिक धर्म से संबंधित एवं सैनिटरी नैपकिन के निस्तारण पर भी परचिर्चा की जायेगी। पखवाड़ा के दौरान विभिन्न स्तर पर कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। जैसे आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालय एवं समुदाय के ग्रामसभा के दौरान हाथ धोने की प्रक्रिया का प्रदर्शन करना एवं इसकी उपयोगिता को बताना।
श्री पांडेय ने बताया कि इस दौरान जिला स्तरीय टीम, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक एवं आशा मिलकर प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में सफाई संबंधित कार्यों को ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) एवं महिला आरोग्य समिति के सहयोग से करेंगी। इस अभियान की सामुदायिक कार्ययोजना आशा, ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति व महिला आरोग्य समिति के सदस्यों की संयुक्त देखेरख में करना है। जिन जगहों पर साफ-सफाई की आवश्यकता है, उसे चिह्नित कर सफाई करना है। साथ ही ओडीएफ मुक्त ग्राम बनाने पर जोर देना है। साफ-सफाई के विभिन्न आयामों के प्रति जिलों में जागरूक करना है।
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