* अधिनियम-2016 में मुआवजा का प्रावधान, सरकार सभी मृतकों के परिवार को दें मुआवजा – विजय सिन्हा
* अपराधियों के गोली से हत्या एवं बलात्कार पीड़ित परिवारों को मुआवजा दे सरकार – विजय सिन्हा
* सीएम अपने कैबिनेट सहयोगियों व करीबी अधिकारियों की कराएं ब्लड/नारकोटिक्स टेस्ट – विजय सिन्हा
पटना 19-12-2022
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सोमवार को अपने कक्ष में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार जहरीली शराब कांड की जांच हाई कोर्ट की किसी सिटिंग जज से कराएं और समय सीमा निर्धारित कर रिपोर्ट सार्वजनिक करें।
उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या को लेकर विभागीय मंत्री का दिया गया बयान गैरजिम्मेदाराना है। जब विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स,स्थानीय व अन्य स्रोतों से आ रही जानकारी के अनुसार सारण और सीवान के विभिन्न इलाकों में जहरीली शराब पी कर मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा है, तब सरकार इस संख्या को दबाने-छुपाने की साजिश व कोशिश क्यों कर रही है? विशेष टीम से जांच करा कर सरकार मरने वालों की वास्तविक संख्या को सार्वजनिक करें।
उत्पाद एवं मद्ध-निषेध अधिनियम-2016 की धारा 42 में जब शराब पीने से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देने का प्रावधान है,जिसके तहत 2016 में खजुरबन्नी के 16 परिवारों को मुआवजा दिया भी गया है, तब मुख्यमंत्री मुआवजा देने से इनकार कर बिहार की जनता को झांसा क्यों दे रहे हैं। मरने वाले सभी बिहार के हैं, भाजपा उनके परिजनों के साथ सरकार को अन्याय नहीं करने देगी। जहरीली शराब के साथ ही अपराधियों की गोली से मारे जाने वाले बिहार वासियों के परिजनों को भी सरकार 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दें। जहरीली शराब से मरने वाले अधिकांश लोग गरीब व कमजोर तबके के हैं। सत्ता सम्पोषित शराब के कारोबार से यह जनसंहार हुआ है। सरकार अपनी जिम्मेवारी से भाग नहीं सकती है।
पूर्ण शराबबंदी का दावा करने वाले मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट सहयोगियों व करीबी अधिकारियों की ब्लड/ नारकोटिक्स टेस्ट करा कर रिपोर्ट सार्वजनिक करें, शराबबंदी की हकीकत सामने आ जायेगी।
संवेदनहीन एवं तानाशाही कर जनता पर कहर ढ़ाने वाले सरकार को शीघ्र इस्तीफा देने की माँग करता हूँ।
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