20 सदीं की एक महान कवियत्री और उपन्यासकार- सोनिया अक्स

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सोनिया अक्स 20 सदीं की एक महान कवियत्री और उपन्यासकार ही नहीं बल्कि एक प्रख्यात साहित्यकारा, ग़ज़ल कारा भी है , जिन्होंने हिंदी कविता एवं साहित्य को रार्ष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान बनाई है। वे आज हिंदी भाषा की सर्वश्रेष्ठ कवियित्री में से गिनी जाती है,

जिनका जन्म 22 फरवरी –पानीपत हरियाणा में हुआ सोनिया अक्स में महिलाओं की पीड़ा एवं वैवाहिक जीवन के कटु सत्य को बेहद भावनात्मक तरीके  से बताया है।

नाम__ सोनिया अक्स

पिता का नाम_ राजेंद्र नाथ कुमार

माता_ कृष्णा कुमारी

प्रवक्ता _अंग्रेजी

हरियाणा सरकार

परास्नातक _अर्थशास्त्र,हिन्दी,अंग्रेजी,बी एड

अपने जीवन में कई किताबें लिखने वाली महान कवियित्री सोनिया अक्स जी को उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं के लिए कई बड़े पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है, तो चलिए जानते हैं सोनिया अक्स जी द्धारा लिखित उनकी महत्वपूर्ण कृतियां एवं उनके जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातों के बारे में – लेखन की शुरुआत 12साल की उम्र से कर दी थी

सोनिया अक्स जी के दिए गए पुरस्कारों की सूची निम्नलिखित है – राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित,गर्लगाइड अवार्ड से सम्मानित हिन्दी दिवस पर आशु कवयित्री सम्मान, बैस्ट वक्ता के अवार्ड से सम्मानित, बैस्ट टीचर अवार्ड, राष्ट्रीय कवियत्री कानपुर लखनऊ अवार्ड.साथ ही  देश- विदेश तथा कई पत्र-पत्रिकाओं द्वारा सम्मानित एवं.रक्तदान के लिए सम्मानित

ग़म के साचें में ढलती रही सोनिया

फिर भी चुपचाप चलती रही सोनिया

अपने पुरखों की दहलीज़ पर रात दिन

इक दिया बन के जलती रही सोनिया

अज़्मों हिम्मत से कांटों पे चलते हुए

अपनी क़िस्मत बदलती रही सोनिया

बांध कर अपने पांव से अक्सर भंवर

सबसे आगे निकलती रही सोनिया

ज़ुल्म के ढेर पर टिकटिकी बांध कर

उम्र भर ख़ूं उबलती रही सोनिया

हार कर लोग आगे निकलते रहे

जीत कर हाथ मलती रही सोनिया

चांद के हाथ में देके तब्लो अलम

शाम के वक़्त ढलती रही सोनिया

हर क़दम पर क़दम डगमगाते रहे

फिर भी अक्सर संभलती रही सोनिया

अक्स का अक्स था अक्स के सामने

जिसके दिल में मचलती रही सोनिया

  सोनिया अक्स

(पानीपत हरियाणा)

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