स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी कॉलेजों को दिया गया एक लाख का वित्तीय अनुदान
पटना, 08 सितंबर। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य के चिह्नित 26 कॉलेजों में ‘सेहत केंद्र’ द्वारा छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक जनाकारियां दी जा रही हैं। इससे जहां छात्र-छात्राओं को अनुभव प्राप्त हो रहा है, वहीं इसका सकारात्कम प्रभाव भी पड़ रहा है। इस योजना की शुरुआत स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसी साल एक जुलाई से की गई है। पटना के गंगा देवी कॉलेज से इसका ऑनलाइन आगाज किया गया। इस कार्यक्रम के जरिये राज्य के कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य जागरूकता के प्रति नई दिशा मिल रही है।
श्री पांडेय ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में सभी 26 कॉलेजों को ‘सेहत केंद्र’ संचालित करने के लिए एक लाख का वित्तीय अनुदान दिए गए। प्रत्येक कॉलेजों में एक छात्र और एक छात्रा का चयन किया गया है, जो सभी छात्रों को स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक जानकारियां देंगे। चयनित छात्र-छात्राओं को सहकर्मी शिक्षक (पीर एडुकेटर) के तौर पर प्रशिक्षित किया गया है। इस साल के मार्च माह में इन सहकर्मी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के तहत संचालित रेड रिबन क्लब के नोडल ऑफिसर को इस योजना का नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया है। ‘सेहत केंद्रो’ं पर यौन एवं प्रजनन से संबंधित जानकारी दी जा रही है। इसके अलावे लैंगिक समानता और जीवन कौशल, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, मादक पदार्थ का सेवन का दुष्प्रभाव, गैर संचारी रोग, एचआईवी, रक्तदान का महत्व, सही उम्र में शादी और लिंग आधारित भेदभाव जैसे विषयों पर जानकारियां दी जा रही हैं।
श्री पांडेय ने बताया कि खास बात यह है कि इन सभी ‘सेहत केंद्रों’ पर अब तक पांच हजार तीन छात्र-छात्राओं को कोरोना के टीके भी लगाए गये। छात्र- छात्राओ के सहयोग से इन केंद्रो पर 119 यूनिट रक्त भी इकट्ठा किए गये। जिन कॉलेजों में ‘सेहत केंद्र’ संचालित हो रहे हैं, उनमें पटना वीमेंस कॉलेज, डी के कॉलेज डुमरांव, बक्सर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार, बोध गया, मगध महिला कॉलेज, पटना, एस वी पी कॉलेज कैमूर, नेशनल इंस्टीच््यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, पटना, नालंदा कॉलेज, नालंदा, एस बी कॉलेज, आरा और राधा उमाकांत संस्कृत महाविद्यालय, पूर्णिया आदि शामिल हैं।
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