9 Years Of PM Modi: आयुष्मान भारत से फिट इंडिया तक, हेल्थ सेक्टर में पीएम मोदी के 9 बड़े कदम

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नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर 9 साल पूरे कर रहे हैं. लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने मोदी के नेतृत्व में देशभर में कई बड़ी योजनाओं को शुरू किया गया. खासतौर से स्वास्थ्य के क्षेत्र मेंहमने दुनियाभर को कोरोना की वैक्सीन पहुंचाई. 200 करोड़ वैक्सीन के साथ देश में नया रिकॉर्ड बनाया.

आयुष्मान योजना हो या टीबी के खिलाफ जंग. या फिर लाइफस्टाइल में बदलाव कर खुद को स्वस्थ रखने के लिए शुरू किया गया फिट इंडिया मूवमेंट. पीएम मोदी ने हेल्थ सेक्टर में कई बड़े फैसले लिए. एक नजर उनके कार्यकाल में शुरू हुई बड़ी योजनाओं और फैसलों पर.

आयुष्मान भारत योजना

साल 2018 में बजट के दौरान इस स्कीम की घोषणा की गई. इसके तहत देश में एक लाख से ज्यादा हेल्थ सेंटर्स को स्थापित करने की योजना बनी और 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये का मेडिक्लेम दिया गया है. पीएम मोदी की पहल पर शुरू हुई इस योजना के तहत 1350 बीमारियों का मुफ्त इलाज कराया जा सकता है.
आयुष्मान भारत योजना

साल 2018 में बजट के दौरान इस स्कीम की घोषणा की गई. इसके तहत देश में एक लाख से ज्यादा हेल्थ सेंटर्स को स्थापित करने की योजना बनी और 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये का मेडिक्लेम दिया गया है. पीएम मोदी की पहल पर शुरू हुई इस योजना के तहत 1350 बीमारियों का मुफ्त इलाज कराया जा सकता है.

टीबी हारेगा देश जीतेगा

मोदी सरकार ने साल 2019 में टीबी से लड़ने के लिए इस स्कीम की शुरुआत की. ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’, का उद्देश्य टीबी के मरीजों को मुफ्त और सही इलाज मुहैया कराना है. साथ ही मरीजों के खाते में 500-500 रुपये भी ट्रांसफर किए जा रहे हैं ताकि उन्हें उचित पोषण मिल सके.

फिट इंडिया

देशवासियों को बीमारियों से दूर रखते हुए उन्हें फिट रखने के लिए पीएम मोदी ने 2019 में एक और खास कदम उठाया. 29 अगस्त 2019 को ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ की शुरुआत की गई. इसके जरिए प्रधानमंत्री ने लोगों को अपने लाइफस्टाइल में बदलाव कर खुद को फिट रखने के लिए प्रेरित किया. देश के सभी स्कूल-कॉलेज, यूनिवर्सिटी और ग्राम पंचायतों तक इस मूवमेंट को पहुंचाया गया. यह मुहिम न सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी काफी लोकप्रिय हुई.

राष्ट्रीय पोषण मिशन

महिलाओं और बच्चों के लिए मोदी सरकार ने 2018 में एक अहम फैसला लिया. 2022 तक भारत को कुपोषण के कुचक्र से बाहर निकालने के लिए पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत की. इसके तहत बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के पोषण का ध्यान रखा जा रहा है.
ई-संजीवनी

कोरोनाकाल में ई-संजीवनी सच में संजीवनी बूटी साबित हुई. नवंबर 2019 में इस योजना को शुरू किया गया. इस ऑनलाइन ओपीडी सेवा के जरिए आप घर बैठे डॉक्टर से बात कर सकते हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने पिछले साल एक ट्वीट कर इसकी सफलता के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि 5 करोड़ से ज्यादा लोग इस सेवा का लाभ उठा चुके हैं.
प्रेग्नेंसी बिल में संशोधन

महिलाओं के लिए मोदी सरकार ने पिछले साल एक ऐसा बड़ा फैसला लिया, जो लंबे समय तक याद रखा जाएगा. प्रेग्नेंसी कानून में बदलाव करते हुए पीएम मोदी ने शादीशुदा और अविवाहित महिलाओं को बड़ी राहत दी. मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट में बड़े बदलाव किए गए. 20 हफ्ते तक गर्भपात कराने के लिए अब सिर्फ एक डॉक्टर की सम्मति काफी है. पहले यह सिर्फ 12 हफ्ते तक थी. 20 से 24 हफ्ते में अगर मां और बच्चे को जान का खतरा हो तो दो डॉक्टर की सलाह से गर्भपात कराया जा सकता है. रेप के मामले में 24 हफ्ते के बाद भी गर्भपात कराया जा सकता है.

सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना

मां और नवजात की सुरक्षा के लिए अक्टूबर 2019 में पीएम मोदी ने सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना यानी ‘सुमन’ की शुरुआत की. इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चे को हेल्थ से जुड़ी सभी सुविधाएं फ्री में मिलेंगी.
सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना

मां और नवजात की सुरक्षा के लिए अक्टूबर 2019 में पीएम मोदी ने सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना यानी ‘सुमन’ की शुरुआत की. इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चे को हेल्थ से जुड़ी सभी सुविधाएं फ्री में मिलेंगी.

जन औषधि केंद्र

केंद्र सरकार में आने के बाद पीएम मोदी ने आम लोगों को सस्ती दवाइयां और सस्ता इलाज मुहैया कराने की तरफ कदम उठाया. एक जुलाई 2015 को शुरू हुई इस योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को कम कीमत पर अच्छी दवा उपलब्ध कराई जाती है. इसके जरिए लोगों को मार्केट से 60-70 फीसदी कम कीमत पर दवा मिल रही है. जेनरिक दवाओं के लिए देशभर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र भी खोले गए हैं.

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