गंगा किनारे बसे गांव के लोगों से  आग्रह है रासायनिक खेती न हो इसके सभी पहल करें: आर के सिन्हा

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*आर के सिन्हा की बायोग्राफी लिख रहे हैं मुरली मनोहर श्रीवास्तव

बक्सर:  किसी भी कार्य करने के लिए आत्मबल और ईमानदार कोशिश की जरूरत होती है। इसकी मिसाल हैं डॉ आर के सिन्हा। हर कोई बेहतर काम करना चाहता है लेकिन यह काम करने वाले कि क्रेडिविलिटी  पर निर्भर करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में मनाई जा रही आजादी का अमृत महोत्सव पर गंगा के किनारे बसे गांव के लोगों से मैं आग्रह करता हूँ कि रासायनिक खेती न हो इसके सभी पहल करें। ये बातें वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार पूर्व सांसद व एसआईएस कम्पनी के संस्थापक डॉ रवींद्र किशोर सिन्हा ने रविवार को बक्सर के वैष्णवी क्लार्क इन मे आयोजित सिद्धाश्रम साहित्य परिषद, बक्सर के तत्वावधान में रविवार को  राष्ट्रीय कवि सम्मेलन सह अभिनंदन समारोह को सम्बोधित करते हुए कही।

उन्होंने विश्वामित्र अभियान के तहत जिले में खोले जा रहे लाइब्रेरी में किताब वगैरह की व्यवस्था करने को आश्वस्त किया। उन्होंने जीवन मे आगे बढ़ने के कुछ टिप्स को बताया। इस दौरान उन्हें सम्मानित किया गया। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार, गीतकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने किया। जबकि स्वागत स्वागताध्यक्ष डॉ नंद जी ओझा, संचालनकर्ता अखिलेश पांडेय, महासचिव श्रीभगवान पांडेय व उपाध्यक्ष आशुतोष राय व समाजसेवी प्रदीप राय ने बुके देकर मुख्यातिथि आर के सिन्हा जी का स्वागत किया। इसके साथ ही अंगवस्त्र से स्वागत सम्मानित व अभिनंदन किया गया।

अभिनन्दन पत्र के माध्यम से यह कहा गया कि आपने संघर्ष को आनन्दमय बनाकर पारिवारिक दायित्वों  का  निर्वहन के लिए विद्यार्थी जीवन से ही पत्रकारिता के साथ जिस यात्रा को पटना से प्रकाशित होने वाले दैनिक प्रदीप व सर्च लाइट से प्रारंभ किया। इसके साथ ही वह समाचारभारती, माया और धर्मयुग में कार्य करते हुए इस मुकाम को हासिल किया है। वही लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने श्री सिन्हा साहब के व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए बताया कि उनपर बायोग्राफी लिख रहा हूँ,जो जल्द ही प्रकाशित होगी।

इस दौरान सुप्रसिद्ध कवि डॉ विष्णु सक्सेना ने “तन और मन है पास बहुत फिर सोच सोच में क्यों दूरी है हम बदले तो रहा बेवफा वह बदले तो मजबूरी है” की प्रस्तुति कर श्रोताओं के दिल जीत लिया। वही आराधना प्रसाद ने “सिर्फ उम्मीद पर टिकी मिट्टी, कुछ नए ख्वाब देखती मिट्टी, एक नई जिंदगी की चाहत में चाक पर घूमती रही मिट्टी” की प्रस्तुति के अलावे श्रीकांत ने भी कविताओं के माध्यम से सबका दिल जीत लिया। इस मौके पर संस्था से जुड़े लोगों के साथ ही साथ ही श्रोता दर्शक उपस्थित रहे। आए कवियों ने अपनी वाणी से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया श्रोता तन्मयता से कवियों की बातों को सुनकर ठहाके लगाते दिखे। इस अवसर पर जिला पार्षद अरविंद प्रताप शाही उर्फ बंटी शाही, सतीश राजू के साथ ही  मुख्य स्थानीय कवियों में धनुलाल प्रेमातुर, ओम प्रकाश केशरी, उर्फ पवनन्दन, शिव बहादुर पाण्डेय प्रीतम, रामेश्वर नाथ मिश्र, विहान, रामविलास मिश्र, दीप नारायण सिंह, ललित बिहारी मिश्र सुहाग, कृष्णमुरारी राय, जिला अधिवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष अधिवक्ता बबन ओझा, डॉ प्रो. श्याम जी मिश्र, महेश्वर ओझा, रंगनाथ तिवारी, प्रो सिद्धनाथ मिश्र, वशिष्ठ पाण्डेय आदि मौजूद रहें।

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