जन-कल्याणकारी नेतृत्व के आठ वर्ष

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अश्विनी कुमार चौबे

लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार का पहला कर्तव्य यही होता है कि वह अपने नागरिकों के प्रति जवाबदेह हो, आम जनता के भरोसे पर खरा उतरे और मुझे यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि माननीय प्रधानमंत्री जी का आठ साल के शासन के केंद्र बिंदु में गरीब कल्याण, जवाबदेही और पारदर्शिता रही है। 2014 से  निरंतर नेतृत्व की भूमिका में रहते हुए प्रधानमंत्री जी ने आम जनता का जीवनयापन आसान कैसे हो, गरीबों का जीवन स्तर ऊपर कैसे उठे इसकी चिंता की है और इसी के मद्देनजर तमाम गरीब कल्याण की योजनाओं को सफलतापूर्वक जमीन पर उतारा गया। लोक-कल्याण के उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार निरंतर प्रयासरत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब साल 2014 के लोकसभा चुनाव के समय सबका साथ- सबका विकास का नारा दिया था। उस समय अनगिनत लोगों के मन में यही सवाल कौंध रहा था कि आख़िर यह सपना कैसे साकार होगा? लेकिन अब चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में हमारी  सरकार को आठ साल पूरे हो गए हैं तो देश की व्यवस्था में आए आमूलचूल परिवर्तन को देखते हुए यह सहज कहा जा सकता है कि देश सुरक्षित हाथों में है और सर्वसमावेशी विकसित समाज की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। देश के लिए जो सपना एक समय सरदार पटेल जी और दीनदयाल उपाध्याय जी ने देखा था। उसे माननीय प्रधानमंत्री साकार करने में लगे हुए हैं। देश में 2014 से पहले जहां भ्रष्टाचार और घोटाले का बोलबाला था। वहीं बीते आठ सालों में देश ने वैश्विक स्तर पर अपना परचम तो लहराया ही है, इसके अलावा देश में हर तबके तक सरकारी योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित हुई है।

एक समय पूर्ववर्ती सरकार के रहनुमा कहते थे कि सरकार का पैसा जनता तक पूरा नहीं पहुँच पाता, लेकिन पीएम मोदी ने इस धारणा को पूरी तरह बदल दिया है। आज केंद्र की मोदी सरकार की ही देन है कि सुदूर क्षेत्रों में भी बैठे लोगों के खाते में एक क्लिक में पैसे पहुँच रहें हैं और ऐसी अनगिनत योजनाएं हैं,  जिनका फायदा समाज के अंतिम व्यक्ति को मिल रहा है। भारत में पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान जो बिचौलिया तंत्र अपनी जड़ें जमा चुका था। उसे उखाड़ फेंकने में मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने अहम भूमिका निभाई है और अब सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत पहुँच लोगों तक सुनिश्चित हुई है।

वैश्विक स्तर पर भी आज भारत की स्थिति सुदृढ हुई है। जिसका कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लगातार यात्राओं के माध्यम से विश्व के विभिन्न देशों और वैश्विक संगठनों को भारत की विदेश नीति के अहम पहलुओं से परिचित कराया। यह उल्लेखनीय होगा कि अब भारत की विदेश नीति में सांस्कृतिक पक्ष भी जुड़ा है जिससे सभी देश भारत से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं इसी का परिणाम है कि वैश्विक मंचो पर अधिकतर देश भारत के पक्ष में खड़े नजर आते हैं। आज भारत किसी बड़े देश के प्रभाव में न आकर  बल्कि अपनी नीतियों और हितों पर कार्य कर रहा है। जहां भारत रूस से व्यवसायिक सम्बंध भी निभा रहा है। वहीं क्वाड जैसे वैश्विक संगठन में अपनी निष्पक्ष भूमिका बनाकर लीक से हटकर कार्य कर रहा है और इसी का नतीजा है कि आज विश्व के सभी देश भारत के साथ व्यवसायिक और सामरिक रूप से समझौता करना चाहते हैं। इतना ही नहीं जलवायु परिवर्तन और खाद्यान्न आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी दुनिया भारत की तरफ़ आशा की निगाह से देख रही है, तो यह बीते आठ वर्षों में प्रधानमंत्री की नीतियों की बदौलत ही संभव हो पाया है।

देश के भीतर की बात करें तो देश को एक नई दिशा देने का काम इन आठ सालों में किया गया है। 2014 से पूर्व किसने सोचा था कि एक समय ऐसा आएगा? जब जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 को खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन यह मोदी सरकार की कर्मठता और संकल्पबद्धता का ही परिणाम है कि जम्मू कश्मीर से न सिर्फ़ अनुच्छेद-370 हटाया गया। अपितु आज केंद्र सरकार के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर विकास की नई परिभाषा लिख रहा है और केन्द्र के 170 कानून जो पहले यहां लागू नहीं थे।

अब वे इस क्षेत्र में लागू कर दिए गए हैं। इसके साथ ही अंत्योदय के मूलमंत्र पर चलते हुए मोदी सरकार ने हर ग़रीब को मुफ़्त में राशन उपलब्ध कराके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एक देश एक राशनकार्ड ने गरीबों को यह बताया है कि उनकी सरकार वह कहीं भी रहें उनकी चिंता करती है।  केंद्र की मोदी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और हर उस विषय पर काम कर रही है। जो एक आम आदमी से जुड़ाव रखता है। यूपीए की सरकार में गरीब के लिए छत का सपना सिर्फ़ सपना ही होता था, लेकिन प्रधानमंत्री जी ने गरीबों की इस पीड़ा को समझते हुए सभी गरीबों को घर देने का संकल्प लिया और यह बड़ी खुशी की बात है कि अबतक दो करोड़ 39 लाख गरीबों को पक्का घर मुहैया कराया जा चुका है। इसके अलावा माताओं और बहनों को ज़हरीले धुएँ से मुक्ति दिलाने का जो सपना मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में देखा था। उसके तहत केंद्र की मोदी सरकार ने अपने आठ साल पूरे करते-करते 9 करोड़ महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए हैं।

भारत में भूखा कोई न रहे सबको पोषणयुक्त आहार मिले इसको लेकर भी प्रधानमंत्री जी ने महत्वपूर्ण कदम उठाया, आज भारत कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए कमर कस ली है। जिसके तहत अब सरकार ने सरकारी राशन में पोषण वाला चावल देने का प्लान तैयार किया है। जिसके लिए पिछले महीने 88.65 लाख टन अतिरिक्त पोषण-युक्त चावल की खरीदी की गई है। इतना ही नहीं जिस कोरोना काल में दुनिया आर्थिक संकट से गुजर रही थी। तब हमारी सरकार ने लगभग 80  करोडों लोगों को मुफ़्त राशन उपलब्ध कराके नया कीर्तिमान रचा। पर्यावरण को लेकर भी  मोदी सरकार लगातार कार्य कर रही है।

जल का संरक्षण हो, जंगलों को बचाना हो अथवा प्रदूषण से मुक्ति दिलानी हो हमारी सरकार इन अहम बिंदुओं पर गंभीरतापूर्वक कार्य कर रही है। आज जलवायु परिवर्तन वैश्विक मुद्दा बना हुआ है, लेकिन इस दिशा में भी दुनिया भारत की तरफ़ आशा भरी नज़रों से देख रही है। भारत ने 2005 के स्तर की तुलना में इस दशक के अंत तक कार्बन उत्सर्जन में 30 से 35 प्रतिशत की कमी का लक्ष्य तय किया है। संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में भारत बिजली उत्पादन का 40 प्रतिशत हिस्सा गैर जीवाश्म आधारित ईंधन पर केंद्रित करने की प्रतिबद्धता पहले ही प्रकट कर चुका है। साथ ही फ्रांस के सहयोग से स्थापित अंतरराष्ट्रीय सोलर एलायंस के गठन के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इससे हम सभी वाकिफ़ है। ऐसे में देखें तो भारत ने परंपरागत ईंधन नीति को “क्लीन फ्यूल” की ओर उन्मुख कर दिया है। जो एक क्रांतिकारी और नवाचारी कदम है। जिसके सार्थक परिणाम आने वाले वर्षों में स्वतः दीप्तिमान होंगे। अगर आठ साल पहले के भारत और आज के भारत में तुलना करें तो हम आज आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढ़ चुके हैं, माननीय प्रधानमंत्री जी के यह आठ साल का नेतृत्व भारत की अपेक्षाओं को बड़ा किया है, गरीबों के सपने को नया पंख दिया है और भारत के वैभव को बढ़ाया है। यह प्रत्येक भारतवासी के लिए गौरव का विषय है।

(लेखक केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री हैं।)

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