राज्य में वर्ष 2025 तक एनीमिया के प्रसार को कम करने की रणनीति पर जोरः मंगल पांडेय

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प्रति वर्ष तीन फीसदी एनीमिया के प्रसार को कम करने का उद्देश्य

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि वर्ष 2025 तक राज्य में एनीमिया प्रसार को कम करने की रणनीति पर विभाग विशेष जोर दे रहा है। इसको लेकर एनीमिया मुक्त भारत अभियान के क्रियान्वयन को सुदृढ़ करने के लिए विभाग ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र के माध्यम से निर्देशित किया है। विभाग ने आईएफए टेबलेट एवं सिरप का शत-प्रतिशत अनुपूरण सामुदायिक उत्प्रेरक के माध्यम से आशा द्वारा कराए जाने का जिलों को निर्देश दिया है।

श्री पांडेय ने कहा कि एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम पर पदाधिकारियों एवं कर्मियों को जानकारी प्रदान करने के लिए हिंदी में सरल एवं संक्षिप्त पुस्तिका विकसित की जाएगी। एनीमिया मुक्त भारत रणनीति के तहत सभी आयु वर्ग के बच्चों, किशोरों, गर्भवती एवं प्रजनन आयु वर्ग के लोगों में प्रति वर्ष तीन प्रतिशत अनीमिया के प्रसार को कम करना उदेश्य है। इसे लेकर आयरन युक्त भोज्य पदार्थों के फायदे, खाना बनाने के लिए लोहे की कढ़ाई का उपयोग एवं बच्चों के बीच स्कूलों में आईएफए संबंधित जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा विभाग सभी जिलों में हीमोग्लोबीनोमीटर के माध्यम से समुदाय में रक्त जांच को बढ़ावा देने का कार्य करेगा। साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड अनुपूरण एवं एनीमिया मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम की गहन समीक्षा एवं विभाग के अधिकारीयों की बेहतर भागीदारी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस विभाग के साथ राज्य स्तरीय समन्वय सह समीक्षात्मक बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। 

श्री पांडेय ने कहा कि राज्य में वर्ष जुलाई 2019 से एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस अभियान के दौरान पूरे राज्य में छह से 59 माह आयु वर्ग, 5-9 वर्ष के बच्चे, 10-19 वर्ष आयुवर्ग के किशोरों एवं किशोरियों, 20-24 आयुवर्ग की प्रजनन महिलाओं के अलावा गर्भवती महिलाएं और धात्री माताओं को एनीमिया से मुक्त करने के लिए लक्षित किया गया है। इसमें छह से 59 माह के बच्चों को सप्ताह में दो बार आयरन फोलिक एसिड (आईएफए) सिरप एक एमएल आशा के दौरान गृह भ्रमण के दौरान दिया जा रहा है। जबकि 5-9 साल के बच्चों को सप्ताह में गुलाबी आयरन फोलिक एसिड की एक गोली प्राथमिक विद्यालय में प्रत्येक बुधवार को मध्याह्न भोजन के बाद शिक्षकों के माध्यम से दिया जा रहा है। विद्यालय नहीं जाने वाले लडके-लडकियों को आशा के माध्यम से दवा की खुराक दी जाती है। इसके अलावा 10-19 वर्ष के किशोर-किशोरियों को सप्ताह में एक बार नीली गोली विद्यालय एवं आंगनबाडी केंद्रों पर प्रत्येक बुधवार को भोजन के बाद शिक्षकों द्वारा विद्यालय नहीं जाने वाली किशोरियों को आंगनबाडी सेविका के माध्यम से दिया जाना है। साथ ही प्रजनन उम्र की 20-24 वर्ष की महिलाओं को सप्ताह में एक बार लाल गोली भीएचएसएनडी स्थल पर आशा के माध्यम से दी जाती है। गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को 180 लाल आयरन फोलिक एसिड की गोली आरोग्य दिवस पर एएनएम के द्वारा सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में दिया जा रहा है।

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