चरणबद्ध तरीके से सभी प्रखंडों में शुरू होंगे एमएमडीपी क्लिनिक
पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि फाइलेरिया (हाथीपांव )मरीजों की देखभाल के लिए राज्य में जिला स्तरीय रुग्णता प्रबंधन एवं विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) क्लिनिक स्थापित किए जाएंगे। इसको लेकर विभाग द्वारा प्रारंभिक दौर में राज्य के प्रत्येक जिलों में फाइलेरिया से अति प्रभावित प्रखंडों की पहचान की जायेगी। पहचान किए गए अधिकतम फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्र में ही जिला स्तरीय एमएमडीपी क्लिनिक स्थापित किया जाएगा। इसके लिए सर्वे का काम जारी है। भविष्य में विभाग द्वारा चरणबद्ध तरीके से सभी प्रखंडों में ऐसे ही एमएमडीपी क्लिनिक स्थापित किए जाएंगे।
श्री पांडेय ने कहा कि हाथीपांव एवं हाईड्रोसिल दोनों फाइलेरिया के लक्षण होते हैं। विभाग एक तरफ हाथीपांव मरीजों के लिए एमएमडीपी क्लिनिक स्थापित करने की क़वायद कर रहा है, वहीं अगले 6 माह में कैंप लगाकर मिशन मोड में कम से कम 70 फीसदी हाईड्रोसिल मरीजों के निःशुल्क ऑपरेशन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसको लेकर राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर निर्देशित भी किया गया है। फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य में सात जुलाई से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम 6 जिलों में चलाया जा रहा है। फाइलेरिया के प्रति जनमानस को जागरूक करने के लिए बिहार के चर्चित अभिनेता मनोज वाजपेयी के साथ जागरूकता वीडियो भी बनाया गया है। विभाग विडियो के माध्यम से एमडीए कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोगों को निःशुल्क दवा सेवन करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
श्री पांडेय ने कहा कि फाइलेरिया को जड़ से ख़त्म करने के लिए विभाग प्रखंड स्तर पर नाईट ब्लड सर्वे आयोजित करने की रणनीति पर भी कार्य कर रह है। नाईट ब्लड सर्वे के माध्यम से व्यक्ति के शरीर में माइक्रो फ़ाइलेरिया की उपस्थिति का पता लगाया जाता है। प्रभावित रोगियों के ब्लड में मौजूद माइक्रो फ़ाइलेरिया रात में ही क्रियाशील होते हैं। इसलिए इसे रात में ही किया जाता है। इस पहल के माध्यम से यह जानने में सहूलियत होगी कि किस जिले में फाइलेरिया का प्रसार अधिक है। इससे फाइलेरिया उन्मूलन की प्रभावी रणनीति बनायी जा सकेगी एवं राज्य को फाइलेरिया से मुक्त किया जा सकेगा।
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