बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर नीतीश सरकार घिरती हुई नजर आ रही है. इसी बीच कार्तिकेय के वकील ने कहा है कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं.
बिहार में नई सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर लगे आरोपों के बाद नीतीश सरकार घिरती हुई नजर आ रही है. बीजेपी कार्तिकेय को कैबिनेट से हटाने की मांगने की कर रही है. अब इस मामले को लेकर उनके वकील मधुसूदन ने कहा कि उनकी छवि खराब करने की कोशिश एक साजिश के तहत ये हो रहा है. नीतीश सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय के वकील मधुसूदन ने कहा कि उन पर लगे आरोपों में कोई दम नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह जो कहा जा रहा की मंत्री फरार चल रहे हैं, इस तरह के आरोप बेबुनियाद हैं. जिस मामले में की बात की जा रही है उसमें कार्तिकेय सिंह नामजद अभियुक्त नहीं हैं.
कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के वकील मधुसूदन ने कहा कि प्राथमिकी में उनकी संलिप्तता नहीं बतायी गयी है, पुलिस ने किसी भी तरह का कोई सबूत नहीं बताया है. हम लोगों ने अग्रिम जमानत के लिये सेशन जज के यहां आवेदन दिया जिस पर सुनवाई के बाद 1 सिंतबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है. वकील ने कहा कि 16 अगस्त को शपथ वाले दिन कोर्ट से हम लोग को कोई सूचना नहीं आयी थी कि कोर्ट में पेश होना है. पुलिस ने अपने अनुसंधान में भी स्पष्ट कर दिया कार्तिकेय सिंह की संलिप्तता बिलकुल नहीं है, गलत तरीके से फर्जी सबूत देकर कार्तिकेय सिंह को फंसाया जा रहा है.
रविशंकर प्रसाद को पूरी तथ्य की जानकारी नहीं- वकील
इसके साथ ही वकील ने कहा कि 16 अगस्त को शपथ वाले दिन मंत्री को कोर्ट में सरेंडर नहीं करना था कोर्ट से कोई समन नहीं मिला था. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद के बयान को लेकर भी वकील ने जवाब दिया है. कार्तिकेय सिंह के वकील ने कहा कि रविशंकर प्रसाद को पूरी तथ्य की जानकारी नहीं है. उन्हें ठीक से जानकारी नहीं दी गई है. जब कार्तिकेय सिंह का बेल रिजेक्ट हुआ था तो पुलिस ने कार्तिक का मामला फाइनल कर दिया था. उनके खिलाफ कोई वारंट नहीं था, इसलिये इनके खिलाफ कोई कोर्ट आदेश पारित करे यह हो नहीं सकता.
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