श्री बाबू के किए कार्यों को आगे नहीं बढ़ाना बिहार के पिछड़ेपन के सबसे बड़े कारक : विजय सिन्हा

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श्री बाबू के कार्यों को भी आगे बढ़ाने के बजाय मिटाने में जुटे रहे लालू, नीतीश : विजय सिन्हा

 परिवारवाद, भ्रष्टाचार के खिलाफ थे श्री बाबू, सबका साथ, सबका विकास था सपना : विजय सिन्हा

श्री बाबू, कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिले : विजय सिन्हा

पटना, 20 अक्तूबर । बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि बिहार में सबसे अधिक दिनों तक सत्ता में श्रीकृष्ण सिंह, लालू प्रसाद और नीतीश कुमार बतौर मुख्यमंत्री रहे। आज जरुरी है कि इनके कार्यकालों की समीक्षा की जाए।

उन्होंने साफ लहजे में कहा कि श्री बाबू के बाद आने वाले मुख्यमंत्रियों ने उनके कार्यों को सिर्फ आगे बढ़ाया होता तो बिहार की आज पिछड़े राज्यों में गणना नहीं होती।

भाजपा नेता ने कहा कि श्री कृष्ण सिंह ने बिहार को औद्योगिकरण को न केवल बढ़ावा दिया बल्कि शैक्षणिक वातावरण को सुदृढ़कर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक भविष्य तय किया। लेकिन कालांतर में बिहार के उद्योग बंद होते चले गए और लालू प्रसाद के कार्यकाल में उद्योगपति बिहार छोड़कर पलायन कर गए।

उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के शासनकाल में सत्ता पर काबिज रहने के लिए जातियों को आधार बनाकर सियासत की, जबकि श्री बाबू ने अपने जातियों के विरोध के बावजूद जमींदारी प्रथा समाप्त कराई।

लखीसराय के विधायक श्री सिन्हा ने कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर भी श्री बाबू संवेदनशील रहे। श्री बाबू के काल में नहरों का जाल बिछाया तो आज नहरों की गति थम गई है। आज जरुरी है कि बिहार में सबसे अधिक समय तक राज करने वाले इन तीन मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल का विश्लेषण किया जाए।

उन्होंने कहा कि इतिहास हम इसी लिए याद रखते है कि उससे कुछ सीखा जाए, लेकिन बिहार का दुर्भाग्य है कि श्री बाबू के बाद के मुख्यमंत्रियों ने उनके कार्यकाल से कुछ नहीं सीखा।

भाजपा नेता ने श्री बाबू की जीवनी को पाठ्यक्रम में भी शामिल करने पर जोर देते हुए कहा कि इनसे आने वाली पीढ़ी को काफी कुछ सीखने को मिलेगी।

श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे लोग  त्याग, तपस्या से संवैधानिक व्यवस्था बनाते हैं, लेकिन आज इसकी अवहेलना की जा रही है।

उन्होंने कहा कि बिहार में लंबे समय तक कांग्रेस का शासनकाल और उसके बाद बड़े भाई और छोटे भाई का शासनकाल,  लेकिन अब तक श्री बाबू को वह सम्मान नहीं मिला, जो इन्हें मिलना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सरकार ने इनके गांव के विकास की भी सुधि नहीं ली।

श्री सिन्हा ने कहा कि श्री बाबू और कर्पूरी ठाकुर के गांव को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाय तथा बिहार के सदन से इन दोनो महान विभूतियों को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पास कराकर भेजा जाय। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ऐसे विभूतियों को लेकर छद्म सियासत न करें।

श्री बाबू परिवारवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ रहे। उनका सपना सबका साथ सबका विकास को आज माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पूरा करने में जुटे हैं।

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