नहाय-खाय के साथ कल आरंभ होगा लोक आस्था का महापर्व छठ, जानिए व्रत का महत्व

61 0

इस महापर्व में छठी मैया और भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। छठ व्रत को कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, इसमें व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं। लोक आस्था के महापर्व छठ के पहले दिन को नहाय-खाय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन घर की साफ-सफाई.

पटनाः नहाय-खाय का महापर्व कल यानी शुक्रवार को आरंभ हो जाएगा। इसके साथ ही 4 दिवसीय महापर्व छठ की भी शुरुआत हो जाएगी। इस 4 दिवसीय महापर्व को लेकर कई कथाएं मौजूद हैं। छठ पूजा का विशेष महत्व है और मान्यता है कि छठ पूजा का व्रत करने से संतान की लंबी उम्र होती है। 28 अक्टूबर को आरंभ होने वाला यह महापर्व 31 अक्टूबर को संपन्न होगा। वहीं इसको लेकर पटना जिला प्रशासन ने भी तमाम तैयारियां पूरी कर ली है।

छठ के पहले दिन मनाया जाता हैं नहाय-खाय
इस महापर्व में छठी मैया और भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। छठ व्रत को कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, इसमें व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं। लोक आस्था के महापर्व छठ के पहले दिन को नहाय-खाय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन घर की साफ-सफाई के बाद छठ व्रती स्नान करके कद्दू- लौकी की सब्जी, चने की दाल और अरवा चावल का भात खाते हैं।

दूसरे दिन होती है खरना की पूजा
29 अक्टूबर को छठ पूजा का दूसरा दिन होगा । इस दिन खरना की पूजा की जाती है। इस दिन ही व्रती निर्जला उपवास रखते है और शाम को गुड़ के चावल का प्रसाद बांटते है। साथ ही उस प्रसाद को ग्रहण करते है। प्रसाद को खाने के बाद व्रतियों का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।

तीसरे दिन शाम को सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य
30 अक्टूबर तीसरे दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सूर्य षष्ठी को छठ पूजा का तीसरा दिन होता है। इस दिन प्रसाद के रूप में ठेकुआ और चावल के लड्डू बनाते हैं। शाम को बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है। सभी व्रती दिनभर उपवास के बाद शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते है। इस दौरान सूर्य को जल और दूध का अर्घ्य दिया जाता है। 31 अक्टूबर को व्रत का पारण किया जाएगा और छठ पर्व संपन्न हो जाएगा। इस दिन व्रती उगते हुए सूर्य को पानी में खड़े होकर अ‌र्घ्य देते हैं। इसके बाद प्रसाद खाकर व्रत का पारण किया जाता है।

छठ को लेकर प्रशासन ने कर ली है तमाम तैयारियां 
नहाय-खाय के दिन से ही श्रद्धालुओं की छठ घाटों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। महिलाएं सूर्य की पूजा कर अर्घ्य देती हैं। इसके साथ ही गंगा नदी में छठ व्रतियों का स्नान करना और नदी से जल ले जाना शुरू हो जाता है। ऐसे में कोई भी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। खरना के दिन भी छठ व्रतियों का गंगा नदी में स्नान करने के लिए तांता लगा रहता हैं। इस अवसर पर कई उपद्रवी तत्व अशांति फैलाने की कोशिश करते हैं। इसी को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली हैं।

Related Post

डीयू विधायक ने पत्रकारों को दी गालियां, BJP बोली- ये नया बिहार तो JDU ने जताया ऐतराज

Posted by - अक्टूबर 6, 2023 0
हमेशा विवादों में रहने वाले गोपालपुर विधानसभा से जदयू विधायक गोपाल मंडल ने आज सारी हदें पार कर दी। अपने…

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 83 लोगों की सुनी समस्यायें

Posted by - मई 15, 2023 0
अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश पटना, 15 मई 2023 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4, देशरत्न मार्ग स्थित…

सारण जिला के मांझी में सरयू नदी में हुये नाव हादसे पर मुख्यमंत्री मर्माहत, गहरी दुख एवं संवेदना व्यक्त की

Posted by - नवम्बर 2, 2023 0
मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रूपये की अनुग्रह राशि देने का निर्देश पटना, 02 नवम्बर 2023 :- मुख्यमंत्री श्री…

भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि का कार्यक्रम आज लोजपा-(रामविलास) में धूमधाम से मनाया गया।

Posted by - फ़रवरी 17, 2024 0
पटना: ( रिपोर्टर,सिद्धार्थ मिश्रा ) इस अवसर पर पार्टी के सभी नेताओं एवं कार्यकर्ता ने स्व. ठाकुर के तैल्यचित्र पर…

बिहार में विधायकों और एमएलसी का फंड बढ़ाने के मसले पर चर्चा, अभी तीन करोड़ है लिमिट

Posted by - मार्च 26, 2022 0
बिहार के सभी विधायकों और विधान पार्षदों के लिए क्षेत्र विकास निधि का फंड बढ़ाने की मांग शनिवार को विधानसभा…
Translate »
Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
LinkedIn
Share
WhatsApp