नीतीश कुमार ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिल्ली में प्रदूषण से संबंधित प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘इन सभी चीजों के बारे में पूरी जानकारी ले लीजिए। हम सभी जगह लोगों को इसके लिए अलर्ट किए रहते हैं। वर्ष 2018 से ही हम पराली नहीं जलाने के लिए…
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह प्रदेश में प्रदूषण को लेकर पूरी तरह से सतर्क हैं। नीतीश कुमार ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिल्ली में प्रदूषण से संबंधित प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘इन सभी चीजों के बारे में पूरी जानकारी ले लीजिए। हम सभी जगह लोगों को इसके लिए अलर्ट किए रहते हैं। वर्ष 2018 से ही हम पराली नहीं जलाने के लिए लोगों को समझाते आ रहे हैं। इसके लिए हम तो सभी को कहते रहते हैं। इस बार भी लोगों को हमने बता दिया है कि पराली नहीं जलाएं। दिल्ली में जो प्रदूषण बढ़ रहा है वो आस पास के क्षेत्रों के कारण हो रहा है, इन सभी को समझने की जरूरत है।’
“मेंटेनेंस होगा तो गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी”
मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस की 101वीं गवर्निंग कौंसिल मीट एवं टेक्निकल सेमिनार के दौरान कहा कि उन्होंने बिहार में जो निर्माण कार्य करवाया है उसको जरूर देखकर जाइएगा। वह एक बार आग्रह करेंगे कि बिहार म्यूजियम भी इनलोगों को दिखवा दीजिएगा। बिहार म्यूजियम अंतररष्ट्रीय स्तर का बनवाया है, उसको भी एक बार देख लीजिए। उन्होंने कहा है कि चाहे बिल्डिंग बने, सड़क बने, पुल बने कोई भी चीज बने उसका निरंतर मेंटेनेंस होना चाहिए और उसके लिए उन्होंने संबंधित विभाग को ही कहा है। इसके लिए जितने लोगों की बहाली करनी पड़े, कीजिए। जब मेंटेनेंस पूरे तौर पर होगा तो कभी कोई गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी।
नीतीश कुमार ने कहा कि सरदार पटेल भवन वो भी जाकर देखिए, कितना सुंदर और मजबूत बनाया गया है। नौ रिक्टर स्केल तक इस भवन को कुछ नहीं हो सकता है। यहां से सिर्फ पुलिसिंग का काम ही नहीं होगा बल्कि आपदा प्रबंधन का काम भी यहां से होगा। यहां पर जो लोग भी रहेंगे उनको सात दिन तक किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी। अंदर जरूरत के सारे इंतजाम किए गए हैं। बड़ी खुशी की बात है कि 20 जगहों से आप सबलोग यहां आए हैं। आप सबलोगों का यहां स्वागत है। ये गरीब राज्य है लेकिन उसके बाद भी हमलोग सब के उत्थान के लिए काम करते रहते हैं। आपलोगों को पता है कि हम भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पढ़े हैं, लेकिन इंजीनियर की नौकरी नहीं किए। हमको नौकरी मिल गई थी फिर भी हम नौकरी नहीं किए और आंदोलन में लग गए, जेपी मूवमेंट से जुड़ गए। हमलोग तो काम कर रहे हैं, सेवा कर रहे हैं।
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