नए नगर निगम विधेयक में अतिक्रमण पर 20 हजार जुमार्ने का प्रावधान

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पटना। बिहार विधानसभा ने आज स्थायी अतिक्रमण पर अधिकतम 20 हजार रुपये जुमार्ना के प्रावधान वाले बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2022 को पारित कर दिया। उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने विधानसभा में गुरुवार को विधेयक को पेश कर कहा कि अतिक्रमण करने वाले लोगों से सख्ती से निपटने के लिए मौजूदा कानून में नये प्रावधान किए गए हैं। अतिक्रमण से आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित तथ्य है कि सड़कों, गलियों, नालियों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अक्सर अतिक्रमण पाया जाता है, जिससे आम आदमी को परेशानी होती है।
श्री यादव ने कहा कि स्थायी अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार लोगों को नोटिस जारी करने का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है और उन्हें जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। यदि अतिक्रमण करने वालों का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो नगरपालिका अधिकारियों के पास अतिक्रमण हटाने की शक्ति होगी। उन्होंने कहा कि स्थायी अतिक्रमणकारियों से अधिकतम 20 हजार रुपये जुमार्ना वसूल किया जाएगा और उन्हें अतिक्रमण हटाने पर होने वाले खर्च का भी भुगतान करना होगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यदि अतिक्रमणकारियों ने जुमार्ना नहीं भरा तो उसे बकाया राशि मान कर उनसे वसूली की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन गरीबों की पीड़ा के प्रति संवेदनशील है, जो झोपड़ियों में रहने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण कर रहे हैं या अपनी आजीविका कमाने के लिए कुछ व्यावसायिक गतिविधियां कर रहे हैं।
श्री यादव ने कहा कि एक सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें 48000 गरीबों को अतिक्रमणकारियों के रूप में चिन्हित किया गया था। उन्होंने कहा कि उनके पिता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गरीबों के लिए पक्के भवन बनवाए थे और उन्हें अतिक्रमण वाली जगह से स्थानांतरित कर दिया था।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अतिक्रमित भूमि पर बनी झोपड़ियों में रहने वाले गरीबों के पुनर्वास के लिए नीति बनाएगी। उन्होंने कहा कि गरीब और शोषित सरकार की सहानुभूति और संवेदना के पात्र हैं।
बाद में, बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2022 को मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों की अनुपस्थिति में ध्वनिमत से पारित किया गया। भाजपा सदस्यों ने सारण जिले की जहरीली शराब त्रासदी पर की गई टिप्पणी के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा और माफी की मांग को लेकर भोजनावकाश के बाद की बैठक में भी सदन के बीच आकर हंगामा किया और बाद में सदन से बहिर्गमन कर गए। विपक्ष के हंगामे के बीच बिहार तकनीकी सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक 2022 समेत दो विधेयक भी सदन में पारित हो गए।

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