बीएसएससी पेपरलीक मामले की सीबीआई या हाई कोर्ट के सिटिंग जज से हो जांच- विजय सिन्हा

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 * बिहार के लाखों युवकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कब तक?-

* सरकार बताएं हर बार प्रतियोगिता परीक्षा का प्रश्न पत्र क्यों हो जाता है लीक ?

* शीर्ष स्तर के भ्रष्ट अधिकारियों पर करवाई क्यों नहीं?

पटना, 27-12-2022

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने 23 दिसम्बर, 2022 को बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) की तृतीय स्नातक स्तरीय प्रारंभिक परीक्षा का पर्चा आउट होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कई सवाल उठाया है। उन्होंने सरकार से पूछा है कि तमाम दावों के बावजूद परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही प्रश्नपत्र मीडिया के पास कैसे आ गया? मुख्यमंत्री जी क्या यह बिहार के लाखों बेरोजगार अभ्यर्थियों की प्रतिभाओं के साथ क्रूर मज़ाक नहीं है? क्या आपके भ्रष्ट तंत्र की वजह से ऐसा नहीं हो रहा है?

श्री सिन्हा ने मांग की है कि पर्चा लीक होने के मामले की सीबीआई से जांच कराई जाय। अगर सीबीआई जैसी संवैधानिक संस्था पर सरकार को भरोसा नहीं हो तो हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच करा कर हर परीक्षा में सेटिंग-गेटिंग का खेल कर प्रतिभाओं का हनन करने वाले सेटरो और आयोग के पदाधिकारियों / कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए| उन्होंने सरकार पर तीखा तंज करते हुए कहा कि सत्ता के संरक्षण में यह पूरा खेल चल रहा है। उन्होंने कहा है कि जब प्रश्नपत्र लीक हुआ तो पूरी परीक्षा रद्द की जाय।

श्री सिन्हा ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी आपके कथित सुशासन में यह कोई पहली घटना नहीं है। अभी कुछ माह पहले ही बीपीएससी के पेपर लीक को लेकर केवल बिहार में ही नहीं पूरे देश में बिहार की भद्द पिटी थी। यहां की प्रतियोगिता परीक्षाओं को लेकर गम्भीर सवाल उठा था। अगर बी.पी.एस.सी. पेपर लीक मामले में सरकार की संलिप्तता नहीं थी तो फिर उसकी सी.बी.आई से जाँच क्यों नहीं कराई गई ? इस बार आपने आनन-फानन में जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को तो दे दी है, मगर यह लीपा पोती के अलावा कुछ नहीं है। आपको इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि हर बार प्रतियोगिता परीक्षा का प्रश्न पत्र कैसे वायरल हो जा रहा? सुरक्षा में कहां चूक हो रही? पेपर लीक करने वाले कौन लोग है?

उन्होंने कहा कि दरअसल कथित सुशासनी राज में प्रतियोगिता परीक्षा का पर्चा लीक होना आम बात हो गई है।  2017 में भी बीएसएससी का पर्चा आउट हुआ था। तब काफी हंगामा हुआ था। भारी फजीहत होने के बाद सरकार ने एसआईटी गठित कर जांच कराई थी। तब बीएसएसी के अध्यक्ष (IAS) सुधीर कुमार व सचिव परमेश्वर राम समेत कई अधिकारी हवालात पहुंच गये थे। मगर तब भी हस्तीनापुर के गुलाम सरकार की कई बड़ी हस्तियों को बचा लिया गया था। इस मामले कि आज तक जाँच रिर्पोट भी सार्वजनिक नहीं की गई है। एक बार फिर से बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) का पर्चा आउट हुआ है।

श्री सिन्हा ने कहा कि परीक्षा से पहले कदाचार रहित एक्जाम लेने को लेकर बड़े-बड़े दावे किये जाते हैं। लेकिन सारी घोषणाएं हवा-हवाई साबित होती हैं। हर बार सेटर सरकार की व्यवस्था का मख़ौल  उड़ा कर लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में सफल हो जाता है। शायद ही ऐसी कोई परीक्षा हो जिसका पर्चा आउट नहीं होता है। आखिर बिहार के युवाओं के भविष्य के साथ यह खिलवाड़ कब तक होता रहेगा?

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