पटना, 20 जनवरी 2023 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में नालंदा जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। बिहारशरीफ कर्पूरी भवन (टाउन हॉल) में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करनेवाली 7 जीविका दीदियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। सभी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद अपने परिवार के जीवन स्तर में हो रहे बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।
मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान जीविका दीदी श्रीमती सबीना खातून ने बताया कि पहले घर से निकलने में काफी बंदिश थी। पति दूसरे के यहां सिलाई का काम करते थे। घर में एक कमाने वाला और सात खाने वाले लोग थे। जीविका समूह से जुड़ने के बाद मैंने पहली बार बैंक और ब्लॉक देखा। समूह से आर्थिक मदद लेकर बच्चों की पढ़ाई शुरू कराई। पहले जैसे-तैसे बच्चों का भरण-पोषण हुआ करता था । जीविका समूह से जुड़ने के बाद मुझे दूसरे राज्यों के सात जिलों में जीविका दीदियों को प्रशिक्षण देने का मौका मिला। मेरी आमदनी बढ़ी तो पति का सिलाई का काम छुड़वाकर उन्हें कपड़े की दुकान खुलवा दी। आज हमारे दुकान में 5 लाख की पूंजी है, जो हम सपने में भी नहीं सोचे थे। जीविका समूह के बदौलत यह संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री की कृपा से कोरोना काल में हम सभी जीविका दीदियों को मास्क बनाने का अवसर मिला। इसके लिये मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देती हूं। जीविका समूह से जुड़कर हम महिलाओं को काफी गर्व होता है। अपने मुख्यमंत्री भईया को हम पहले टी०वी० में ही देखा करते थे। अब जीविका के बदौलत साक्षात सामने हैं। जीविका समूह ने असंभव को संभव बनाया है।
जीविका दीदी श्रीमती प्रतिमा देवी ने बताया कि मेरे पति शराब बनाकर बेचा करते थे। शराब के सेवन से उनकी मृत्यु हो गई, उसके बाद शराबबंदी भी लागू हो गई। इससे मेरे बच्चों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। तब जीविका दीदी ने मुझे समूह से जोड़ा और मुझे सतत् जीविकोपार्जन योजना का लाभ दिलाया। मैंने श्रृंगार की दुकान खोली, उससे बचत कर राशन की भी दुकान खोली आज मेरे बच्चे पढ़ रहे हैं, उन्हें अच्छा भोजन और वस्त्र मिल रहा है। मैं जिसके आगे खड़ा होने लायक नहीं थी, जीविका समूह से जुड़ने के बाद उन सभी लोगों के सामने मैं अपनी बात रखती हूं।
जीविका दीदी श्रीमती रीना देवी ने बताया कि मुझे पढ़ने का बहुत शौक था लेकिन गरीबी के कारण नहीं पढ़ पाई। 15 वर्ष की कम उम्र में मेरी शादी हो गई। ससुराल वाले भी काफी गरीब थे। मैने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम शुरू किया, उससे आमदनी हुई तो नौंवी कक्षा में अपना नामांकन कराया। मुझे साइकिल योजना, पोशाक योना और छात्रवृति योजना का लाभ मिला। बहू होकर भी मैं साइकिल से स्कूल जाती थी। उसके बाद समूह से 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद लेकर बकरी पालन शुरू किया और बी0एड0 तक की पढ़ाई की। ब्यूटीशियन और सिलाई-कढ़ाई का काम भी सीखी। अब मैं सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण भी दे रही हूं। मुख्यमंत्रीने महिलाओं के उत्थान के लिये काफी काम किया है। मैं इसके लिये उनके प्रति आभार प्रकट करती हूं।
जीविका दीदी श्रीमती रवीना खातून ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण हमारा परिवार एक टाइम खाता था और रात के समय भूखे पेट हमलोग सो जाते थे। एक दीदी ने हमारी दयनीय स्थिति देखकर जीविका समूह से जुड़ने की सलाह दी। पति मजदूरी का काम करते थे । समूह से जुड़कर मैंने लोन लिया और सिलाई मशीन खरीदी। उससे सिलाई का काम करने लगी। पैसे की बचत कर पति को कबाड़ खरीदने के काम में लगाया। अब 10 हजार रुपये प्रतिमाह की आमदनी हो रही है।
जीविका दीदी श्रीमती स्मिता कुमारी ने बताया कि जीविका ने हम महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त बनाया बल्कि सामाजिक रूप से भी हमें ऊपर उठाया। गरीबी के कारण मेरा बाल विवाह हुआ। समूह से जुड़ने के बाद मैंने देखा कि अनपढ़ दीदियां हस्ताक्षर करना सीख रही हैं, हमने भी आगे पढ़ाई शुरू की। समूह से आर्थिक मदद मिलने पर श्रृंगार की दुकान खोली, मैं एक कोचिंग भी खोली जिसमें 3 सौ से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। मुख्यमंत्री ने लड़के और लड़कियों के बीच भेदभाव को खत्म किया है। मैं 20 प्रतिशत लड़कियों को मुफ्त पढ़ाती हूं। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर चुकी हूं और बी0एड0 करने की मेरी इच्छा है। जीविका की सीढ़ी चढ़कर हम महिलायें आसमान छू रही हैं। हम जीविका दीदी दशरथ मांझी की तरह गरीबी की दीवार को तोड़ रही हैं। जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं। ऊपर एक भगवान है जो जन्म देता है, मुख्यमंत्री साहब हम सबको रोजगार देकर न सिर्फ हमे आत्मनिर्भर बनाये हैं बल्कि परिवार और समाज में हमारी इज्जत भी बढ़ाई है। आज पति हम महिलाओं से पैसा मांगते हैं। मैं संकल्पित हूं कि अपने बच्चों की शादी दहेज मुक्त करूंगी।
जीविका दीदी श्रीमती पिंकी देवी ने बताया कि वह मजदूरी का काम करती थी। समूह से जुड़ने के बाद मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना के तहत एक लाख रुपये का अनुदान मुझे प्राप्त हुआ तो मैंने एक टेम्पू खरीदकर अपने पति को दिया। दीदी की नर्सरी के लिये भी मेरा चयन हुआ। समूह से जुड़ने के बाद मेरी स्थिति बेहतर हुई। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के बदौलत से मेरा बच्चा जी०एन०एम० की पढ़ाई कर रहा है। उच्च शिक्षा अपने बच्चों को दिलाना मेरे लिये नामुमकिन था, जो मुख्यमंत्री की कृपा से मुमकिन हो सका है।
जीविका दीदी श्रीमती उषा देवी ने बताया कि गरीबी के कारण मेरे मायके और ससुराल वाले पढ़ाई नहीं कर सके। जीविका से जुड़कर मैं अपनी बेटी को आज बी०ए० की पढ़ाई करवा रही हूं। समूह से जुड़ने के बाद मुझे सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। गरीब-गुरबों की मर्यादा बढ़ी है। पहले मैं शौचालय का मर्म नहीं जानती थी लेकिन मुख्यमंत्री के आशीर्वाद के बदौलत यह सुविधा हमें उपलब्ध हो पाई है।
संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा इस वर्ष समाधान यात्रा के सिलसिले में विभिन्न जिलों में जा रहा हूँ। समाधान यात्रा के दौरान जीविका दीदियों से मिलने और उनकी बातें सुनने का भी मौका मिलता है। आपने अपनी बातें रखी हैं, मुझे बहुत खुशी हो रही है। हमारा उद्देश्य है कि सभी जगह घूमकर देखें, जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका लाभ लोगों को कितना मिल रहा है और क्या किए जाने की जरूरत है। लोगों की क्या समस्याएं हैं, उसको जानने निकले हैं। भ्रमण के दौरान जीविका दीदियों से बात होती है। वे अपनी कुछ समस्याएं भी बताती हैं। उसके समाधान के लिए हम अधिकारियों को कहते हैं लेकिन आप से जो संवाद हो रहा है उससे कई बातों की जानकारी मुझे मिल रही है।
मैं आप सभी को बधाई देता हूँ। वर्ष 2005 में मुझे बिहार के लोगों ने काम करने का मौका दिया। उस समय बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। हमने 10 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन करने का निर्णय लिया और स्वयं सहायता समूह का नामकरण जीविका समूह किया। तब से आप सभी जीविका दीदियां कहलाने लगीं। उस समय की केंद्र सरकार के मंत्री ने आकर जीविका समूह के कामों को देखा और पूरे देश में इसका नामकरण ‘आजीविका किया यानी बिहार की जीविका पूरे देश में आ जाए। जीविका से ही आजीविका बना है। इसको आपलोग याद रखिएगा। उन्होंने कहा कि जीविका समूह से एक करोड़ 30 लाख से ज्यादा महिलायें जुड़ गई हैं। 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह का गठन हो गया है। जीविका का काफी प्रभाव देखने को मिल रहा है। हर जगह महिलाओं की इज्जत बढ़ी है। बिहारशरीफ से हमारा पुराना रिश्ता है। यहां के लोगों ने ही हमें सांसद बनाया। पूरे बिहार के विकास के लिये हमलोग काम कर रहे हैं। गरीब-गुरबा परिवार की महिलायें जीविका दीदियां बन रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ पति या अमीर परिवार की कुछ गिनी-चुनी महिलायें ही काम करती थीं। जीविका समूह से जुड़कर अब महिलायें भी काफी काम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी के कारण पहले लोग वस्त्र के अभाव में अपने बच्चियों को 5वीं कक्षा से आगे तक की पढ़ाई नहीं करा पाते थे। हमने साइकिल योजना, पोशाक योजना शुरू कराई, जिसके बाद बड़ी संख्या में लड़कियां पढ़ने जाने लगीं। लड़का लड़की सबको शिक्षा मिले इसके लिये मैंने स्कूलों का निर्माण कराया, शिक्षकों की बहाली कराई ताकि अधिक से अधिक लड़कियां पढ़ सकें। अब लड़कियां कितने अच्छे ढंग से आगे बढ़कर अपनी बातें रख रही हैं और परिवार को भी आगे बढ़ा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में जीविका समूह की एक बैठक में महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी लागू की गई। शराब पीना बुरी बात है। कुछ गड़बड़ मानसिकता के लोग होते हैं, उन्हें समझाइये। इसके संबंध में हमने बुकलेट भी छपवाई है और घर-घर इसे पहुंचाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शराब पीने से होनेवाली बीमारी के बारे में 2018 में सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें बताया कि पूरे एक वर्ष में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई जिसमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। 20 से 39 आयुवर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। जितने आत्महत्या के मामले आते हैं उसमें 18 प्रतिशत आत्महत्या शराब पीने के कारण होती हैं। शराब पीने के कारण 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनायें होती हैं। शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारियों के लोग शिकार हो जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया भर के स्वास्थ्य की चिंता करने वाला संगठन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई थी और उस दौरान बापू ने कहा था कि शराब न सिर्फ आदमियों का पैसा छीन लेती है बल्कि बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीनेवाला व्यक्ति हैवान हो जाता है। सभी जीविका दीदियां लोगों को समझाएं और जहां भी जाएं सभी लोगों को बुकलेट दें। आजादी की लड़ाई के दौरान बापू कहते थे कि शराब बुरी चीज है। कुछ पढ़े-लिखे लोग खुद को काबिल समझते हैं। बापू की बात सभी को माननी चाहिये। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में सर्वे कराया तो पता चला कि एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। फिर सर्वे कराने के लिए कहा है जिसमें और बातें सामने आएंगी। शराबबंदी के बाद कुछ लोग मेरे खिलाफ थे।
वे कहते थे कि शराबबंदी होने से बिहार में पर्यटक नहीं आयेंगे। हमलोग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये काफी किये हैं। शराबबंदी के बाद बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या 2 करोड़ हो गई है। परिवार, समाज, गांव, शहर और अपने-अपने इलाके को आगे बढ़ाने के लिये निरंतर काम करते रहिये मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के लिए काफी काम किया है। गरीब-गुरबा के उत्थान के लिए कई काम किए गए हैं। महिलायें विकसित हो रही हैं। काम करने से उनकी भाषा में सुधार आया है। हमारा उद्देश्य है कि आपका तरक्की हो। दीदियों को आगे बढ़ाने के लिये उन्हें और अधिक जिम्मेवादी दी जाय ताकि उनकी आमदनी बढ़े और परिवार ठीक ढंग से रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 में नगर निकाय चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। अब तक चार चुनाव हो चुके, इसमें बड़ी तादाद में महिलायें चुनकर आ रही हैं। पहले कुछ अमीर परिवार की महिलायें ही निर्वाचित होती थीं। पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिये कम से कम एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान केंद्र सरकार ने किया था। उन्होंने कहा कि लड़कियों को पुलिस की बहाली में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस बल में हैं इतनी संख्या में दूसरे राज्य में महिलाएं पुलिस बल नहीं हैं। राज्य की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में लड़कियों को एक तिहाई आरक्षण दिया गया है। हमलोग चाहते हैं कि सभी का उत्थान हो, बिहार आगे बढ़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज प्रथा नहीं होनी चाहिये। लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिये। दहेज का लेन-देन करने वालों की शादी में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र में लड़की की, जबकि 21 वर्ष से कम उम्र में लड़के की शादी नहीं होनी चाहिये। इसके लिये कानून बना हुआ है। आप सभी अपने काम के साथ-साथ बाल विवाह के विरुद्ध अभियान भी चलाते रहिये। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रत्येक परिवार का औसत प्रजनन दर 4.3 था जो अब घटकर 2.9 पर आ गया है। इसे 2 पर लाना है। एक सर्वे में यह बात सामने आई कि पति-पत्नी में यदि पत्नी मैट्रिक पास हो तो देश का औसत प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी 2 है। वहीं यदि पत्नी इंटर पास है तो देश का प्रजनन दर 1.7, जबकि बिहार का 1.6 है, यह जानकार मुझे काफी खुशी हुई। हमने लड़कियों को इंटर और उससे आगे की भी पढ़ाई के लिये प्रोत्साहित किया। वर्ष 2040 के बाद प्रजनन दर की स्थिति स्थिर हो जायेगी, उसके बाद और प्रजनन दर में कमी आयेगी । इससे लोग और बेहतर ढंग से जीवन यापन कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी अपने बच्चों को पढ़ायें। हमें पूरा भरोसा है कि आपके प्रयास और मेहनत से समाज में सुधार होगा, बच्चे शिक्षित होंगे। हमलोग महिलाओं को आगे बढ़ाना चाहते हैं। हम जीविका दीदियों की आमदनी को और अधिक बढ़ाना चाहते हैं। आपलोग अच्छे ढंग से काम कीजिए। आपलोगों को आगे बढ़ाने के लिए हमसे जो भी संभव होगा हम करेंगे। किसी जाति, किसी धर्म के हों सभी आपस में मिल-जुलकर रहें। एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखें। इससे समाज परिवार और देश आगे बढ़ेगा।
जीविका दीदियों से संवाद कार्यक्रम से पहले बिहारशरीफ टाउन हॉल में मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों द्वारा संचालित नीरा कैफे का उद्घाटन किया। संवाद कार्यक्रम में जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न और पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया। सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत 410 लाभान्वित परिवारों को 1 करोड़ 2 लाख 66 हजार रुपये का सांकेतिक चेक मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों को प्रदान किया ।
इस अवसर पर वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री सह नालंदा जिले के प्रभारी मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो० जमा खान, सांसद श्री कौशलेंद्र कुमार, विधान पार्षद श्रीमती रीना यादव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, आयुक्त पटना प्रमंडल श्री कुमार रवि, पुलिस महानिरीक्षक पटना प्रक्षेत्र श्री राकेश राठी, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह मिशन निदेशक, जल- जीवन – हरियाली अभियान श्री राहुल कुमार, जिलाधिकारी नालंदा श्री शशांक शुभंकर, पुलिस अधीक्षक नालंदा श्री अशोक मिश्रा सहित अन्य वरीय पदाधिकारी एवं विभिन्न जीविका समूहों से जुड़ी जीविका दीदियां उपस्थित थीं।
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