बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत पस्त,चाचा- भतीजा तुष्टिकरण की राजनीति में व्यस्त – विजय कुमार सिन्हा
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ व्यवस्था बद से बदतर है, मरीज परेशान है अब कोरोना के मरीज तेजी से बढ रहे है लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री वोट बैंक की राजनीति में पार्टी करने में लगे है। बिहार में मरीजो की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है। सरकारी अस्पतालों में डाक्टर की कमी है, मरीजों की लिए बेड की कमी है. आज मुख्यमंत्री जी वैक्सीन का रोना- रोने लगे है , जबकी इनके स्वास्थ मंत्री सह उपमुख्यमंत्री की निंद अभी भी नहीं खुली हैं वे तंद्रा में हैं ।
श्री सिन्हा ने कहा कि आज कोरोना से एक महिला की मौत हुई है। गया के मगध मेडिकल कॉलेज में भर्ती जहानाबाद की एक महिला ने शुक्रवार देर शाम दम तोड़ दिया। उसे दो दिन पहले ही भर्ती कराया गया था। बिहार के 9 जिलों से 24 घंटे में 22 कोरोना मरीज मिले हैं। बिहार में कोरोना के एक्टिव केस 78 हो गए हैं। लेकिन सरकार को कोरोना को लेकर कोई चिंता नहीं है।
श्री सिन्हा ने आगे कहा कि इस बीच चिंता की बात ये है कि पटना जिले में अब तक 30 फीसदी लोगों ने ही प्रिकॉशन (बूस्टर) डोज ली है। जबकि 31 मार्च को करीब 15 हजार टीके एक्सपायर हो गए। दरअसल, सरकार ने टीका करण में कोेई दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब जब केस आने लगे हैं, तो मुख्यमंत्री जी वैक्सीन का रोना रोने लगे ।
नेता विरोधी दल विजय कुमार सिन्हा ने सरकार को सचेत करते हुए कहा कि अगर समय रहते सरकार नहीं चेतेगी तो आम जनो को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। हमारी सरकार ने आक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति के लिए भिन्न अस्पतालों में 122 पी.एस.ए संयत्र अधिष्ठकपित किया था लेकिन वर्तमान सरकार का ध्यान स्वास्थ्य सुविधायों पर नहीं होने से कई संयत्र खराब पड़े है। मार्च 2023 में सदर अस्पताल जमुई में आक्सिजन प्लांट आचानक बंद होने से तड़प-तड़प कर मरीज की मौत हो गई थी । यदि इसी तरह सरकार संवेदनहीन रही तो न जाने क्या हाल होगा।
श्री सिन्हा ने कहा कि चाचा-भतीजा की जुगल जोड़ी यदि समय रहते स्वास्थ्य सुविधाओ पर ध्यान नहीं देकर तुष्टीकरण के तहत एक खास समुदाय को खुश करने में लगे रहें तो बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरना मुश्किल हो जाएगा।
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