जन सुराज अभियान में 12 पूर्व IPS अधिकारियों के जुड़ने के मौके पर स्वतंत्रता व जेपी सेनानी लक्षण देव सिंह ने बताया कि महात्मा गांधी ने कहा था कि देश में आजादी का असली मकसद तब पूरा होगा,
पटना: जन सुराज अभियान का कारवां लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज अभियान से समाज के हर वर्ग के लोग जुड़ रहे हैं। 7 मई 2023 को पटना स्थित जन सुराज कार्यालय में 12 भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत अधिकारी जन सुराज के साथ औपचारिक तौर पर जुड़े। स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी नेता लक्ष्मण देव सिंह ने सभी सेवानिवृत अधिकारियों को शॉल ओढ़ाकर और बुके देकर जन सुराज परिवार में शामिल कराया।
- जितेंद्र मिश्रा (समस्तीपुर) – सेवानिवृत पुलिस महानिरीक्षक (IG) होम गार्ड, 2004 इंडियन पुलिस सर्विस बैच
- एस.के. पासवान (वैशाली) – सेवानिवृत महानिदेशक (DG), 1979 इंडियन पुलिस सर्विस बैच
- के. बी. सिंह (सारण) – सेवानिवृत पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) संचार, 1983 इंडियन पुलिस सर्विस बैच
- उमेश सिंह (बेगूसराय) – सेवानिवृत पुलिस महानिरीक्षक (IG Vigilance), 1984 इंडियन पुलिस सर्विस बैच
- अनिल सिंह (सुपौल) – सेवानिवृत पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) मुजफ्फरपुर, 2002 इंडियन पुलिस सर्विस बैच
- शिवा कुमार झा (सुपौल) – सेवानिवृत पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) इकोनॉमिक्स अफेयर, 2004 इंडियन पुलिस सर्विस बैच
- अशोक कुमार सिंह (सिवान) – सेवानिवृत पुलिस महानिरीक्षक (IG), 1980 बिहार लोक सेवा आयोग बैच, 1999 इंडियन पुलिस सर्विस बैच
- राकेश कुमार मिश्रा (सहरसा) – सेवानिवृत महानिदेशक (DG), 1986 इंडियन पुलिस सर्विस बैच
- सी.पी. किरण (पटना) – सेवानिवृत IPS
- मो. रहमान मोमिन (भोजपुर) – सेवानिवृत IPS
- शंकर झा – सेवानिवृत IPS
- दिलीप मिश्रा – सेवानिवृत IPS
“आज कल लोग नेतागिरी के नाम पर कर रहे स्टंट”
जन सुराज अभियान में 12 पूर्व IPS अधिकारियों के जुड़ने के मौके पर स्वतंत्रता व जेपी सेनानी लक्षण देव सिंह ने बताया कि महात्मा गांधी ने कहा था कि देश में आजादी का असली मकसद तब पूरा होगा, जब भारत के 7 लाख गांव का ग्राम गणतंत्र बनेगा और सारे सूत्र संचालन आम लोगों के हाथ में आएंगे। महात्मा गांधी का सपना था कि हमें ऐसी शासन व्यवस्था बनानी है, जहां गांव मजबूत हो और सरकार उससे कमजोर होगी। सेवानिवृत IPS अधिकारी अनिल कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज कल लोग नेतागिरी के नाम पर स्टंट कर रहे हैं। आज राजनीति का मतलब करप्शन हो गया है। मेरा सपना बचपन से था कि राजनीति में ऐसे ईमानदार लोग आते जो देश के लिए ईमानदारी से अपने काम का निर्वाह करते। आज कुछ लोग राजनीति परिवारवाद या दल बनाकर कर रहे हैं। जनता के लिए जो सुराज लाने की बात थी, वो आज तक जमीन पर नहीं दिखा जो देखना मेरा सपना था। जन सुराज के माध्यम से हम उसी सपने को साकार करने के लिए प्रशांत किशोर के साथ जुड़े हैं।
“जन सुराज से जुड़ कर मैं काम कर रहा हूं वो मेरे लिए सपनों के जैसा”
जन सुराज से जुड़ने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व पुलिस महानिदेशक संत कुमार पासवान ने बताया कि जन सुराज से जुड़ कर मैं काम कर रहा हूं वो मेरे लिए सपनों के जैसा है। यह ऐसा सपना है जिसे मैं जग कर देख रहा हूं। संत कुमार पासवान ने बताया कि मैं जिस समाज से आता हूं, वहां इंजीनियरिंग करना सपनों के जैसा था। मैंने मेहनत कर अपनी इंजीनियरिंग की इसके बाद पुलिस सेवा के लिए चयनित हुआ। मैं जन सुराज से जुड़कर प्रशांत किशोर के देखे गए सपनों को पूरा करना चाहता हूं और उनके साथ हूं। जन सुराज से जुड़ने के बाद राकेश मिश्रा ने कहा कि मीडिया के मन में एक सवाल उठ रहा होगा कि सेवानिवृत पुलिस अधिकारियों को जोड़कर जन सुराज क्या साबित करना चाहता है? मैं आपको याद दिला देता हूं कि जब भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत हुई थी तो उसमें जुड़ने वाले आम लोगों के साथ प्रबुद्ध लोग भी थे। उनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के लोग भी थे। आज आजादी के बाद पुनः प्रबुद्ध लोगों को जोड़कर इनके अनुभवों का लाभ उठाकर व्यवस्था परिवर्तन का प्रयास करना है।
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