राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के द्वारा जो ट्विटर पर फोटो दिखाया गया और पूछा गया है यह क्या है? इसका मतलब है कि जिस तरह के केंद्र में मोदी जी की सरकार इतिहास को दफन करने में लगी हुई है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रविवार को नए संसद भवन की वास्तुकला की तुलना एक ताबूत से की, जिसके बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता राजद को ऐसे ही ताबूत में दफना देगी। वहीं पर अब राजद ने अपनी सफाई दी है।
“इतिहास को बदलने का काम हो रहा”
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के द्वारा जो ट्विटर पर फोटो दिखाया गया और पूछा गया है यह क्या है? इसका मतलब है कि जिस तरह के केंद्र में मोदी जी की सरकार इतिहास को दफन करने में लगी हुई है। इतिहास को बदलने का काम हो रहा है। इतिहास मिटाने का काम हो रहा है। इसी को लेकर इस तरह की तस्वीरें संकेतिक रूप से दिखाई गई है और पूछा गया है क्या लोकतंत्र के मंदिर में सिर्फ भाजपाइयों का अधिकार है? या लोकतंत्र के मंदिर का भगवाकरण हो गया? क्या लोकतंत्र के मंदिर में विपक्ष की कोई अहमियत नहीं होगी? आज राष्ट्रपति महोदया का अपमान हुआ है।
“विपक्ष की ओर से दिखाया गया आईना”
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि देश में अगर संविधान को कोई रौंदेगा तो लोकतंत्र आज रो रहा होगा। 21-22 विपक्षी पार्टियों ने अपील किया था कि महामहिम राष्ट्रपति महोदया के हाथों इसका उद्घाटन किया जाए लेकिन विपक्ष की मांगों को और उनकी बातों को अनसुना करके हिटलर शाही रवैया अपनाकर आज जो किया गया वह संविधान और लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। दुर्भाग्यपूर्ण है इसलिए भी विपक्ष की ओर से आईना दिखाया गया है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसद भवन का उद्घाटन करते ही बिहार में सत्तारूढ़ दल राजद ने एक ट्वीट किया जिसमें एक ताबूत और नए संसद भवन को अगल-बगल दिखाते हुए पूछा गया, “यह क्या है?” इस पर भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पलटवार करते हुए कहा, “2024 में देश की जनता आपको इसी ताबूत में बंद करके गाढ़ देगी और नए लोकतंत्र के मंदिर में आप को आने का मौका भी नहीं देगी। चलिए यह भी तय हुआ कि संसद भवन देश का है और ताबूत आपका।”
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