नीतीश कुमार ने रविवार को जदयू मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में बिहार प्रदेश जदयू के प्रभारी पदाधिकारियों की दो दिवसीय संसद के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग इतिहास को बदलना चाहते हैं,
बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (JDU) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत सरकार पर परोक्ष रूप से प्रहार किया और कहा कि इतिहास बदलने वालों से देश को बचाना है। ये लोग काम नहीं कर रहे, केवल प्रचार करते हैं।
“सब कुछ एकतरफा हो रहा है”
नीतीश कुमार ने रविवार को जदयू मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में बिहार प्रदेश जदयू के प्रभारी पदाधिकारियों की दो दिवसीय संसद के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग इतिहास को बदलना चाहते हैं, ऐसे लोगों से देश को बचाना है। इन लोगों ने हर चीज पर कब्जा कर लिया है। सब कुछ एकतरफा हो रहा है। ये लोग काम नहीं कर रहे, केवल प्रचार करते हैं। नया कौन-सा काम हो रहा है। सच्चाई तो यह है कि इन लोगों ने वर्ष 1998 से 2004 के बीच के काम को भी पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा लेकिन नहीं मिला। गरीबी के बावजूद हमलोगों ने विकास का सारा काम किय।
“जदयू में सभी जाति और धर्म के लोग”
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में धार्मिक उन्माद को हमलोगों ने न के बराबर कर दिया लेकिन कुछ लोग अब फिर से उसे कराने की कोशिश में हैं। हमलोग जाति गणना के पक्ष में हैं, लेकिन कुछ लोग चाहते हैं कि ये न हो। जब भी अच्छा काम करिएगा, कहीं ना कहीं से आपको रोकने की कोशिश होगी, लेकिन हमलोगों को अपना काम करना है। उन्होंने कहा कि जदयू अकेली पार्टी है जिसमें सभी जाति और धर्म के लोग हैं। अपने काम को लेकर एक-एक घर जाइए। सबसे बात करिए और सुझाव लीजिए। कुमार ने आगे कहा कि हमलोगों ने जब महागठबंधन बनाया तो देश की बहुत सारी राजनीतिक पाटिर्यों ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमलोग विपक्षी एकता के काम को आगे बढ़ा रहे हैं। जल्द ही इसका सार्थक परिणाम निकलेगा।
इस मौके पर राज्यसभा के वरिष्ठ सदस्य एवं पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जितनी यात्राएं की हैं, उतनी देश के किसी मुख्यमंत्री ने नहीं की। वे जनता के बीच जाकर, आंखों से तस्वीर देखकर योजनाएं बनाते हैं, सचिवालय के चेंबर में बैठकर नहीं। उनके नेतृत्व में एक ओर बिहार बढ़ता दिखाई दे रहा है तो दूसरी ओर बिहार देश को भी दिशा दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज केन्द्र में बैठे लोग जो कर रहे हैं, इसके विरोध में बड़े आंदोलन की जरूरत है। ये लोग न केवल संसदीय परंपराओं को बल्कि देश का प्रतीक माने जाने वाले अशोक स्तंभ तक को बदल रहे हैं। ऐसी तानाशाही प्रवृत्ति का कड़ा प्रतिरोध होना चाहिए।
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