मुख्यमंत्री नवनियुक्त सहायक प्राध्यापक (विद्युत अभियंत्रण), व्याख्याता (असैनिक अभियंत्रण) एवं व्याख्याता (अर्थशास्त्र) के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में हुये शामिल

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विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग का नाम बदलकर विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग होगा- मुख्यमंत्री

पटना, 12 जून 2023 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग द्वारा आयोजित नव नियुक्त सहायक प्राध्यापक (विद्युत अभियंत्रण) व्याख्याता (असैनिक अभियंत्रण) एवं व्याख्याता (अर्थशास्त्र) के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने पांच नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों (विद्युत अभियंत्रण) को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से सात निश्चय योजना-2 के तहत बिहार के 44 राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बिहार सरकार की उपलब्धियों पर आधारित विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग द्वारा तैयार की गयी लघु फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गयी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में शामिल होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों एवं पॉलिटेक्निक संस्थानों में आवश्यकतानुरूप जल्द से जल्द बहाली कराने का निर्णय लिया है। आज अभियंत्रण महाविद्यालयों के लिये 269 सहायक प्राध्यापक तथा पॉलिटेक्निक संस्थानों के 146 व्याख्याताओं को मिलाकर कुल 415 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया है। पिछले वर्ष नवंबर माह में भी काफी संख्या में नियुक्ति पत्र वितरण किया गया था। हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक नियुक्तियां हो ताकि पढ़ाई-लिखाई में छात्रों को असुविधा न हो। पहले बिहार में काफी कम संख्या में इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक संस्थान थे। हमलोगों ने इनकी संख्या बढ़ाने के लिए वर्ष 2016 से इस दिशा में तेजी से काम कराया। बिहार के सभी 38 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में से 37 के भवन निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है और बक्सर में निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। वहीं बिहार के सभी 46 पॉलिटेक्निक संस्थानों में से 41 के भवन निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। भोजपुर, अरवल और जहानाबाद में पॉलिटेक्निक संस्थानों के भवन निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है और पॉलिटेक्निक संस्थान बाढ़ का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि भागलपुर के नाथनगर में निर्माण कार्य शुरू होनेवाला है, इस काम को अविलंब शुरू कराएं। हम चाहते हैं कि सभी पॉलिटेक्निक संस्थानों के भवन निर्माण का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण हो। इस दिशा में तेजी से काम सुनिश्चित कराएं। बक्सर में राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय के भवन निर्माण के कार्य में भी तेजी लायें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माणाधीन राजकीय अभियंत्रण महाविद्यलायों और पॉलिटेक्निक संस्थानों के कामों को हम निरंतर जगह-जगह जाकर देखते रहे हैं। सभी राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों और पॉलिटेक्निक संस्थानों के कैंपस में ही शिक्षक, छात्र और वहां नियुक्त कर्मियों के आवासन की भी व्यवस्था की गयी है ताकि पठन-पाठन में किसी प्रकार की कठिनाई न हो, समय पर पढ़ाई हो। उन्होंने कहा कि हम जब पटना के इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्र थे, उस समय देश में सिर्फ 5 ही इंजीनियरिंग कॉलेज था। मेरे पिताजी की इच्छा थी कि हम इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें। यह अलग बात है कि हमने इंजीनियरिंग की पढ़ाई तो की लेकिन नौकरी नहीं की और राजनीति के क्षेत्र में आ गये। जब हम इंजीनियरिंग के छात्र थे तो एक भी लड़की इंजीनियरिंग कॉलेज में नहीं पढ़ती थी। हमलोगों ने राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में लड़कियों के नामांकन हेतु कम से कम एक तिहाई सीट आरक्षित करने का प्रावधान किया। किसी भी स्थिति में इस एक तिहाई नामांकन में किसी पुरुष का दाखिला नहीं करना है। अब तो अपने प्रतिभा की बदौलत एक तिहाई से भी ज्यादा महिलायें नामांकित हो रही हैं। जब हम सांसद थे और केंद्र में मंत्री बने तो जगह-जगह जाने का मौका मिलता था। हम यह देखते थे कि बड़ी संख्या में बिहार के लोग दूसरे राज्यों में जाकर पढ़ाई कर रहे हैं। हमें जब बिहार के लोगों ने मौका दिया तो बिहार के सभी जिलों में इस दिशा में हमने काम शुरू कराया। अब हम बिहार के किसी भी जिले में जाते हैं तो राजकीय अभियंत्रण महाविद्यलायों और पॉलिटेक्निक संस्थानों में लड़के-लड़कियों को देखकर खुशी होती है। मेरा आग्रह है कि आप सभी बच्चों को बेहतर ढंग से शिक्षा प्रदान करें। जितने लोगों की बहाली करने का तय किया गया है यह काम तेजी से कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले गरीब परिवार के लोग अपनी बेटियों को अधिक से अधिक सातवीं-आठवीं कक्षा से आगे नहीं पढ़ा पाते थे। अब बड़ी संख्या में लड़कियां उच्च शिक्षा हासिल कर रही हैं। अब लड़कियाँ मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हैं। हमलोगों ने प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया। हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी देखकर मुझे बेहद खुशी होती है। अब काफी संख्या में सभी विभागों में महिलाओं की नियुक्ति हो रही है। सभी राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों और पॉलिटेक्निक संस्थानों में बेहतर शिक्षा प्रदान करने का प्रबंध किया गया है। हम चाहते हैं कि आप सभी छात्रों को ठीक ढंग से पढ़ायें। बिहार से जब झारखंड अलग हुआ तो बी०आई०टी० मेसरा झारखण्ड में था। हमलोगों ने वर्ष 2006 में इसे पटना में शुरू कराया और इसके भवन निर्माण के लिए 25 एकड़ जमीन मुहैया कराई। हमलोग जब सरकार में थे तो वर्ष 2008 में तत्कालीन केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्व0 अर्जुन सिंह जी से पटना में आई0आई0टी0 की स्थापना करने का हमने अनुरोध किया था, उन्होंने हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया। इसके लिए हमलोगों ने 500 एकड़ जमीन मुहैया कराया, अब वह भवन भी बन गया है। जब हम श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी की सरकार में थे तो बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को एन0आई0टी0 के रूप में कन्वर्ट कराया था। उस समय देश में सिर्फ 14 ही एन0आई0टी0 संस्थान थे और मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप श्री मुरली मनोहर जोशी जी थे। बिहार में मुख्यमंत्री के रूप में माननीय उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी की माताजी श्रीमती राबड़ी देवी जी थी उनसे भी हमने एन0आई0टी0 के लिए आग्रह किया था। उनलोगों ने भी इसकी सहमति दी थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग का नाम हमलोग बदलकर विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग करेंगे। बहुत जल्द कैबिनेट से इसकी मंजूरी दी जायेगी। हमलोग काफी संख्या में बहाली करवा रहे हैं। शिक्षा विभाग एवं पुलिस में काफी संख्या में बहाली की प्रक्रिया जारी है। हमलोग 10 लाख लोगों को नौकरी एवं 10 लाख को रोजगार का अवसर देंगे। हमलोगों के कामों की कोई चर्चा नहीं करता है। पिछले 9 सालों में केंद्र सरकार ने बिहार के लिये कुछ भी नहीं किया है लेकिन हर जगह उसकी ही चर्चा होती रहती है। हमलोग बिहार में काफी काम किये हैं लेकिन उसकी चर्चा कोई नहीं करता है। साइकिल योजना जब बिहार में शुरु की गई, उस समय देश और विदेशों में भी ऐसी योजना नहीं थी। हमलोगों ने जो काम किया है, उसको केन्द्र ने अपनाया है। आज कल केंद्र वालों ने मीडिया पर कब्जा कर लिया है। आज कल देश में दो लोग सिर्फ अपना ही नाम लेते रहते हैं। अपने पार्टी के नेताओं का भी नाम नहीं लेते हैं। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का भी नाम नहीं लेते हैं। बापू का भी नाम नहीं लेते हैं। हमारे साथ बिहार में पहले जो लोग काम करते थे, वे भी मेरे खिलाफ आज कल खूब बोलते हैं ताकि उनको बढिया जगह मिल जाय लेकिन कहीं किसी को पार्टी कुछ नहीं दे रहा है। हमलोग सभी के लिए काम करते हैं लेकिन वे लोग सिर्फ अपने लिये काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमलोग ज्यादा से ज्यादा विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं। ऐसा हुआ तो वे लोग सत्ता से चले जायेंगे तो समाज में आपसी समझ और बढ़ेगा। मीडिया वालों को भी सम्मान और इज्जत मिलेगी। लोगों की सेवा में हमलोग लगे रहते हैं और समाज में प्रेम और भाईचारे के लिये काम करते हैं। कुछ लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश में लगे रहते हैं। जनता को यह सब पता है। हमलोग प्रचार नही करते समाज में प्रेम और भाईचारे का माहौल रहना चाहिए। आपस में झंझट नहीं करना चाहिए। हमलोग सभी लोगों के लिए काम करते हैं, अपने हित के लिए नहीं करते हैं। आपलोगों को शुभकामनाएं देता हूं। आपलोग नियुक्ति पत्र मिला है आपलोग अच्छे ढंग से काम कीजियेगा और मन लगाकर पढाइयेगा।

कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह तथा विज्ञान एवं प्रावैधिगिकी विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री चंद्रशेखर, उद्योग मंत्री श्री समीर कुमार महासेठ, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के निदेशक श्री उदयन मिश्रा, विभिन्न राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों के प्राचार्यगण, शिक्षकगण, विभागीय पदाधिकारी / कर्मीगण, नव नियुक्त सहायक प्राध्यापकगण, व्याख्यातागण सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। दरभंगा में प्रस्तावित एम्स के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जानेवाली जमीन को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लेने से इंकार कर दिया है, पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि किसी को कुछ मालूम नहीं है। अभी जो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं जब वे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे तो हमने कहा था कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को ही एम्स बनाएंगे लेकिन केंद्र ने बाद में तय कर दिया कि उसको नहीं बनाया जायेगा। फिर हमने उसके बगल में ही तय कर • दिया क्योंकि वहां की स्थिति ठीक नहीं थी। दरभंगा में जो नयी जगह चुनी गई है वो काफी अच्छी हैं, कोई भी जाकर देख सकता है। वहां जो दो लेन का रास्ता है उसको भी बढ़ाकर फोर लेन किया जाएगा। ये जगह पढ़ाई के लिए अच्छी हो जाएगी और बाहर से यहां आनेवालों को भी काफी सहूलियत होगी। उनलोगों के बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है जब हम कोई अच्छा काम के लिए सुझाव देंगे तो भी वे लोग नहीं सुनेंगे। जब ये लोग हट जाएंगे तो फिर अच्छा-अच्छा काम होगा। दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल अपने बिहार का दूसरा सबसे पुराना कॉलेज है। दरभंगा में जो हमलोगों का मेडिकल कॉलेज और अस्पताल है उसका और विस्तार करना है। पटना के पी०एम०सी०एच० को और बेहतर ढंग से बना रहे हैं, डी०एम०सी०एच० को और बेहतर किया जायेगा। केन्द्र सरकार के दिमाग में कुछ और बात होगी। शोभन में स्थित जगह एम्स के लिये सबसे बेहतर है।

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