पटना। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक से पूर्व बिहार महागठबंधन में बिखराव इस बात का गवाह है कि विपक्षी एकता में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। एनडीए के सामने कांग्रेस व उनके समर्थित दलों के बीच आपसी खींचतान का नजारा बिहार समेत अन्य राज्यों में भी दिख रहा है। एक ओर जहां महागठबंधन से हम पार्टी ने किनारा कर लिया तो वहीं बंगाल में सीएम ममता बनर्जी की तृणमूल पार्टी वामदल व कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमलावर हैं। ऐसे में विपक्षी एकता सवालों के घेरे में हैं। बिहार की बैठक महज एक दिखावा व छल है।
श्री पांडेय ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों का विरोध करने वाली राजद व जदयू उनसे तालमेल बिठाने में असमर्थ दिख रही है। अब तो कांग्रेस के भीतर भी जदयू नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं। पूरी तरह से विपक्षी एकता की बैठक को लेकर तमाम विपक्षी एक नहीं हो पा रहे हैं। कांग्रेस पीएम पद से समझौता नहीं करना चाहती, जबकि कई क्षेत्रीय पार्टियों के मुखिया खुद को पीएम प्रोजेक्ट करवाने का दबाव कांग्रेस पर बना रही है। चाहे वह एनसीपी, आप, तृणमूल, जदयू समेत कई अन्य दल हों। ये सभी स्वार्थ से भरी राजनीति के लिए एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं। मगर पीएम मोदी के आकर्षक व्यक्तित्व के सामने ये सभी दलें जीत का सपना देखना भूल जाएं।
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