दरअसल, पटना के गांधी घाट पर गंगा आरती का आयोजन बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड द्वारा पूरे विधि विधान के साथ करवाया जाता है। हफ्ते में शनिवार और रविवार शाम 6:30 बजे से शाम 7:30 बजे तक इसका आयोजन किया जाता है। इस महाआरती को देखने अब पटना ही…
पटना : गंगा आरती का ऐतिहासिक प्रचलन बनारस और ऋषिकेश का हैं, लेकिन अब गंगा के प्रति आस्था के कारण अन्य शहर में भी गंगा आरती होने लगी है। पटना भी उन शहरों में से एक है जहां गंगा की कलकल लहरों के बीच लोग गंगा आरती का आनंद लेते हैं। इस महाआरती को देखने अब पटना ही नहीं बल्कि देश विदेश के लोग भी पहुंच रहे हैं। इसी बीच रविवार को गंगा महाआरती में न्यूजीलैंड के रहने वाले कार्ल्स पहुंचे।
मेट्रो परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर हैं कार्ल्स
दरअसल, पटना के गांधी घाट पर गंगा आरती का आयोजन बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड द्वारा पूरे विधि विधान के साथ करवाया जाता है। हफ्ते में शनिवार और रविवार शाम 6:30 बजे से शाम 7:30 बजे तक इसका आयोजन किया जाता है। वहीं रविवार को गंगा महाआरती में हजारों लोगों के बीच न्यूजीलैंड के रहने वाले कार्ल्स पहुंचे। कार्ल्स पटना में चल रहे मेट्रो परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। उन्होंने बेहद भक्ति भाव के साथ गंगा आरती में शामिल हुए। उन्होंने अपने शब्दों में गंगा आरती की खूबसूरती का जिक्र किया।
गंगा को भव्य तरीके से पूजते हैं लोग
बता दें कि देव प्रयाग से निकली दो नदियां भागीरथी और महानंदा के संगम से गंगा नदी का उद्गम होता है। अपनी 2525 किलोमीटर के यात्रा के दौरान गंगा के अविरल धारा कई शहरों को छूती है। गंगा को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है। लोग भव्य तरीके से गंगा को पूजते हैं और उनकी आरती उतारते हैं।
यूं तो बिहार के लोग मां गंगा को हर मौके पर पूजते हैं। चाहे छठ महापर्व हो या गंगा दशहरा। लेकिन गंगा आरती ने पटना वासियों के बीच गंगा के प्रति प्रेम का एक अलग अलख जगा दिया है। शहर के दौर भाग से दूर सुकून के बीच लोग गंगा आरती को देखने चले ही आते हैं।
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