पटना: बिहार में जातीय जनगणना को लेकर प्रारंभ सियासत थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मो० कादरी ने भी जातीय जनगणना कराने की मांग का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयानों का समर्थन किया है तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जाति आधारित जनगणना का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाने के लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गए हैं।
मो० कादरी से जब पत्रकारों ने नीतीश कुमार के जातीय जनगणना कराने की मांग के संबंध में पूछा तब उन्होंने कहा, मैं इस बात का पक्षधर हूं कि जातीय जनगणना होनी चाहिए। उन्होंने कहा, बहुत सी ऐसी योजनाएं हैं, केंद्रीय स्तर पर या राज्यस्तर पर, जिसे जाति के आधार पर बनाई जाती हैं। अतः उनमें सही राशि आवंटित हो पाए, इसके लिए जरूरी है कि आपके पास जातिगत आंकड़े हों।
उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना वर्ष 1931 में आखिरी बार हुई थी। उसके बाद काफी लंबा अरसा गुजर गया है इसलिए एकबार फिर जाति के आधार पर जगनणना होना जरूरी है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मो० कादरी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से मुलाकात करने के बाद उक्त बातें कही।
उन्होंने कहा की अगर 2021 जनगणना में जातियों की गणना नहीं होगी तो बिहार के अलावा देश के सभी पिछड़े-अतिपिछड़ों के साथ दलित और अल्पसंख्यक भी जनगणना का बहिष्कार कर सकते हैं।
जनगणना के आँकड़ों से अगर देश की बहुसंख्यक आबादी का भला नहीं होता हो तो फिर उन आँकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे?
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