2017 में मात्र छापा पड़ने पर सरकार से अलग किया, तो अब मुकदमा और चार्जशीट पर भी कार्रवाई हो,शासन में दोहरा मापदंड राज्य में अराजकता का प्रमुख कारण,
भष्ट्राचार पर जीरो टोलरेंस की बात करने वालों की खुल रही है पोल,राजद का स्थापना दिवस- बिहार की बदहाली शुरू होने का दिवस,
पटना 5 जुलाई 2023
भाजपा विधानमंडल दल के नेता श्री विजय कुमार सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर सी0बी0आई द्वारा चार्जशीट मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि पूर्वक, परंपरा और नैतिकता के आधार पर उपमुख्यमंत्री का इस्तीफा अविलंब लिया जाना राज्य हित में आवश्यक है।
श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार की जनता जानती है कि किस प्रकार वर्ष 2005 में दलित के पुत्र श्री जीतन राम मांझी का मात्र केस में नाम रहने पर इस्तीफा लिया गया था। वर्तमान 17वीं विधान सभा के कार्यकाल में ही मंत्री बनने के तुरन्त बाद स्वर्गीय मेवा लाल चौधरी एवं पिछले साल महागठ़बंधन सरकार बनने पर श्री कार्तिक कुमार का इस्तीफा लिया गया। वर्ष 2017 में तो सी0बी0आई द्वारा छापा मारने पर ही तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को शासन से अलग करने हेतु राजद का परित्याग कर दिया गया था। अब कौन सी मजबूरी है जो राज्य के मुखिया भष्ट्राचार के बड़े मामले में चार्जशीटेड उपमुख्यमंत्री पर कार्रवाई करने से डर रहे हैं?
श्री सिन्हा ने कहा की शासन में इसी दोहरा मापदंड के कारण बिहार में प्रशासनिक अराजकता चरम पर है। जन कल्याण की योजनाएं भष्ट्राचार की भेट चढ़ रही है। सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है। इस स्थिति से उबरने हेतु आवश्यक है कि राज्य के मुखिया स्वतंत्र और निष्पक्ष होकर निर्णय लें।
श्री सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन सरकार का तमाशा राज्य के लोग अच्छी तरह देख रहे हैं।शिक्षा मंत्री और उनके विभागीय अपर मुख्य सचिव में तनातनी के बीच राजद और जदयु का स्टैंड अलग-अलग है। राजद शिक्षा मंत्री के पक्ष में खड़ी है तो जदयू अपर मुख्य सचिव के पक्ष में। मंत्रीमंडल की सामूहिक जिम्मवारी के सिद्धांत को तार-तार कर दिया गया है और शासन में एक यूनिट के रूप में कार्य करने में ये विफल हो रहे हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब अपनी चुप्पी तोड़ कर यह बताना चाहिए कि वे उपमुख्यमंत्री का इस्तीफा कब लेंगे या क्यों नहीं लेंगे।
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