आज मानसून सत्र (Bihar Monsoon Session) के दूसरे दिन बिहार विधान परिषद में शिक्षक नियुक्ति को लेकर भारी हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, भाजपा एमएलसी शिक्षक नेताओं को नजरबंद करने के बारे में सभापति को जानकारी देने लगे। इस दौरान भाजपा..
पटना: आज मानसून सत्र (Bihar Monsoon Session) के दूसरे दिन बिहार विधान परिषद में शिक्षक नियुक्ति को लेकर भारी हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, भाजपा एमएलसी शिक्षक नेताओं को नजरबंद करने के बारे में सभापति को जानकारी देने लगे। इस दौरान भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि बिहार में इमरजेंसी जैसी स्थिति हो गई है, पुलिस की गुंडागर्दी हैं। पुलिस ने शिक्षकों और उनके नेताओं को घर में बंद कर दिया हैं।
सम्राट चौधरी ने बिहार सरकार पर निकाली जमकर भड़ास
वहीं, इसके बाद भाजपा सदस्य वेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे और मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री विजय चौधरी के जवाब से भाजपा सदस्य संतुष्ट नहीं हुई। विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी और मंत्री विजय चौधरी में भिड़ंत हो गई। भारी बवाल के बीच सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सदन स्थगित होने के बाद सभापति और नेता प्रतिपक्ष में मुर्दाबाद की नारेबाजी को लेकर विवाद हो गया। विवाद बढ़ता देख मंत्री अशोक चौधरी ने हस्तक्षेप किया। बाहर निकल कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बिहार सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में इमरजेंसी जैसी स्थिति है। वित्त मंत्री विपक्ष के सवालों को भटका रहे हैं।
जदयू एमएलसी संजीव कुमार शिक्षकों के समर्थन में उतरे
इधर, जदयू एमएलसी संजीव कुमार शिक्षकों के समर्थन में उतरे। उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षकों की मांग को मनाना चाहिए। शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देना चाहिए। शिक्षकों की गिरफ्तारी राज्य सरकार को नहीं करनी चाहिए। इस मुद्दे पर कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षक भर्ती नियमावली मामले पर पॉजिटिव स्टैंड लिया है और सभी से बात भी करेंगे तो हंगामे का कोई मतलब नहीं बनता। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की गिरफ्तारी अभी कहीं नहीं हुई है। भारतीय जनता पार्टी के नेता झूठ बोल रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि सदन के अंदर जिस तरह से बीजेपी नारेबाजी कर रही है, इससे पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को लोकतंत्र के इस मंदिर पर भरोसा नहीं है।
गौरतलब है कि बिहार में शिक्षक नियमावली 2023 नीति को लेकर बिहार के शिक्षक आक्रोशित हैं। बिहार के सरकारी विद्यालयों में 1 लाख 70 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया का नोटिफिकेशन जारी किया गया हैं। यह नोटिफिकेशन 15 जून को आया और आवेदन करने की आखरी तारीख 12 जुलाई है। शिक्षक इस नियमावली पर पुनः विचार करने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। अब देखना होगा कि सरकार इन शिक्षकों की मांग को कहां तक मान पाती हैं।
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