विपक्षी एकता भानुमति का कुनबा है एनडीए के सामने विपक्षी एकता(इंडिया) का कोई विसात नही यह बनने से पहले ही लोकसभा चुनाव पूर्व तास के पत्ते की तरह स्वतः बिखर जायेगा। जो विपक्षी एकता के सहारे प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी का दिवा स्वप्न देख रहे है। उन्हें संयोजक बनाने पर भी विपक्ष के सभी दल बचते नजर आ रहे है। क्योंकि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की विश्वसनीयता पूरी तरह खत्म हो गई है।
उक्त बातें लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्ट ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहीं। श्री भट्ट ने कहा पटना की तरह बंगलुरू में भी विपक्षी एकता में मतभेद स्पष्ट रूप से देखी गई बैठक के पश्चात प्रेस वार्ता में आपसी मतभेद की वजह से बिहार से गयें प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य दलों ने शामिल होना मुनासिब नही समझा। गठबंधन के नाम को लेकर जहां एक ओर मतभेद दिखे वहीं कोई बड़े निर्णय का ना होना यह दर्शाता है कि विपक्षी एकता की बैठक पूरी तरह विफल रहा। श्री भट्ट ने कहा कि 2024 में देश माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आगे बढ़ेगा। क्योंकि प्रधानमंत्री पद की वैकेंसी 2024 में खाली नही है इसलिए विपक्षी एकता का स्वांग सिर्फ महज ढोल बनकर रह जायेंगा।
उक्त आशय की जानकारी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुन्दन पासवान ने दी।
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