बेगूसराय (13 अगस्त, 2023) : भारतीय विश्वकर्मा महासंघ की कार्यकर्ता बैठक रविवार को बहदरपुर स्थित केयर सद्भावना हॉस्पिटल परिसर में संपन्न हुई। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान विश्वकर्मा के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता चन्द्र प्रकाश शर्मा एवं संचालन विधान शर्मा ने की। इसके पश्चात आए हुए सभी अतिथियों का डॉ. प्रमोद शर्मा ने बुके, माला और अंग वस्त्र से स्वागत किया। इस बैठक में उपेक्षित विश्वकर्मा समाज के साथ हो रहे हकमारी, उत्पीड़न, शोषण, दोहन, भयादोहन एवं समावेशी विकास के मुख्य धारा से साजिश के तहत दूर किए जाने पर चिंता व्यक्त की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद ने कहा कि विश्वकर्मा समाज मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस समाज की सामाजिक आर्थिक के साथ – साथ सांस्कृतिक शैक्षणिक स्थिति भी बदतर है।
आजादी से अब तक कोई भी राजनीतिक दल इस समाज को हक अधिकार देना ही नहीं चाहता बल्कि इस समाज का वोट जरूर चाहता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विश्वकर्मा समाज की आबादी 8 से 10 प्रतिशत है फिर भी इस समाज के न कोई विधायक है, न कोई सांसद है, न कोई विधान परिषद है और न ही कोई निगम या बोर्ड में प्रतिनिधि है। वोट हमारा सब कोई लेता है मगर हक हमारा कोई नहीं देता है। जब हक की बात आती है तो तथाकथित छत्रप एवं शासक वर्गों के द्वारा विश्वकर्मा समाज के साथ हकमारी किया जाता रहा है। हमारी हक अधिकार को मजबूत के हाथों लूटवाया जाता रहा है। जिन उद्देश्यों के लिए भारतीय संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की वह तथाकथित सत्ता के लोभियों के द्वारा विश्वकर्मा समाज के साथ नाइंसाफी हो रहा है। उन्होंने सरकार के समावेशी विकास के नारा को खोखला बताया। वहीं बेबी चंकी ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वकर्मा बंशज बढ़ई, लोहार, स्वर्णकार, कसेरा, ठठेरा एवम कुम्हार आबादी का 8 प्रतिशत होते हुए भी दूसरे का गुलाम है।
उन्होंने सभी विश्वकर्मा समाज के लोगों से एकता बनाए रखने की अपील की और साथ भी यह भी कहा कि जीना है तो मरना सीखो, कदम – कदम पर लड़ना सीखो। संघर्ष के बिना कुछ संभव नहीं है। जबकि अरविंद शर्मा ने विश्वकर्मा समाज के लोगों को अपने बच्चों के भविष्य के लिए एकजुट होकर अपनी सत्ता अपने हाथ में लेने का आह्वान किया। जिला संयोजक राजकिशोर शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि शासक वर्गों की साजिश के तहत विश्वकर्मा समाज को कमजोर कर गुलाम बनाए रखने की मंशा है। कार्यक्रम में अशोक शर्मा, अनिल विश्वकर्मा, रामबिनय शर्मा, अधिवक्ता राजेश शर्मा, अरविंद शर्मा, जयंत शर्मा आदि वक्ताओं ने भी अपने – अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
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