क्यों जरूरी है बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा,प्रदेश के विकास में बाधा बन रहे हैं यह बड़े कारण

144 0

पटनाः बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इसकी मांग उठाए जाने के बाद पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे के खिलाफ बरसने लगे हैं। वहीं नीतीश कुमार ने यह भी कहा है कि वो इसके लिए अभियान भी चलाएंगे। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि आखिर बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा क्यों जरूरी है? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इस समय बिहार की क्या स्थिति है और विशेष दर्जा मिलने के बाद राज्य को क्या-क्या फायदे होंगे। 

जनसंख्या का अधिक दबाव विकास के लिए बड़ी चुनौती 
दरअसल, बिहार की स्थिति देश के अन्य राज्यों से अलग है। 2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार की जनसंख्या 10.4 करोड़ है जो भारत की कुल जनसंख्या का 8.6 प्रतिशत है और यह आबादी भारत के कुल भीगोलिक क्षेत्र के 2.86 प्रतिशत क्षेत्र में निवास करती है। सीमित भू-भाग पर जनसंख्या का इतना अधिक दबाव राज्य के विकास के लिए बड़ी चुनौती पेश करता है। राज्य में प्राकृतिक संसाधनों की कमी है तथा प्रति वर्ष बाद एवं सुखाय की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो अर्थव्यवस्था के विकास में बड़ी बाधा है। अपने सीमित संसाधनों के साथ भी राज्य प्रगति पथ पर अग्रसर है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से यह प्रगति की दर और अधिक तेज हो जाएगी तथा बिहार अग्रणी राज्यों की श्रेणी में आ पाएगा।

विकास के अनेक सूचकांकों पर काफी पीछे है बिहार 
अत्यधिक पिछड़ेपन एवं संसाधन की कमी के बावजूद राज्य ने पिछले डेढ़ दशकों से दोहरे अंकों का विकास दर हासिल किया है। अच्छे विकास दर के बावजूद बिहार राज्य विकास के अनेक सूचकांकों पर काफी पीछे है। विकास की इस खाई को पाटकर राष्ट्रीय औसत स्तर पर पहुंचने में बिहार को अभी काफी समय लगेगा। इस खाई को पाटने के लिए राज्य अतिरिक्त संसाधनों के नियमित प्रवाह एवं निवेश की अपेक्षा करता है। इसलिए बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा की नितांत आवश्यकता है।

PunjabKesari

बिहार में अभी भी 33.76% लोग गरीब 
नीति आयोग द्वारा प्रकाशित बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट, 2023 के अनुसार वर्ष 2015-16 तथा वर्ष 2019-20 के दौरान 2.25 करोड़ व्यक्ति गरीबी रेखा से ऊपर आ गए है। बिहार में गरीबी पिछले पांच वर्षों की अवधि में 18.13% की दर से घटी है जो देश में सर्वाधिक है। मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश क्रमशः 15.94% तथा 14.75% की हर से दूसरे तथा तीसरे स्थान पर है। राज्य में पिछले 05 वर्षों में ग्रामीण गरीबी 50% से घटकर 36.96% तथा शहरी गरीबी 23.85% से घटकर 16.67% हो गई। इस प्रकार ग्रामीण तथा शहरी गरीबी का Gap 32% से 20% हो गया है जो बिहार की “Development With Justice” के अनुरूप है। परन्तु इन उपलब्धियों के बावजूद राज्य में अभी भी 33.76% लोग गरीब है जो अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है। अतः बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना आवश्यक है ताकि राज्य में तीव्र गति से गरीबी उन्मूलन हो सके।

PunjabKesari

क्या होता है विशेष राज्य का दर्जा? 
बता दें कि समग्र विकास के मद्देनजर केंद्र सरकार कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी में रखती है। इसलिए उन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त राज्य कहा जाता है। भारत के संविधान में विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रावधान नहीं है। 

Related Post

महागठबंधन में दरार की अटकलों को तेजस्वी ने किया खारिज, बोले- BJP घबराई हुई है

Posted by - जुलाई 10, 2023 0
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि उनके खिलाफ सीबीआई का आरोपपत्र अपने विरोधियों की प्रतिष्ठा…

बिहार की बेटी स्वाति मिश्रा के मुरीद हुए पीएम मोदी, ‘राम आएंगे’ 

Posted by - जनवरी 3, 2024 0
नई दिल्ली/पटनाः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले ‘राम लला’ के स्वागत में…

जन सुराज यात्रा को लेकर बिहार की राजनीतिक गरमाई, 2 अक्तूबर से शुरू होगी PK की पद यात्रा

Posted by - अक्टूबर 1, 2022 0
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार की सियासत को दिशा देने की कोशिश में जुटे हैं. गांधी जयंती के मौके पर…

IT मंत्री रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को ट्विटर 1 घंटे के लिए कर दिया ‘ब्लॉक

Posted by - जुलाई 2, 2021 0
केंद्र सरकार के आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को ही ट्विटर ने ब्लॉक कर दिया। खुद आईटी मिनिस्टर रविशंकर…
Translate »
Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
LinkedIn
Share
WhatsApp