पटना, 5 दिसम्बर : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है की समय से पहले ही मोदी सरकार ने अपने संकल्प को पूरा कर लिया है। मार्च 2024 तक 10,000 जन औषधि केन्द्र खोलने का था लक्ष्य, 30 नवंबर 2023 को ही 10,000 वें जन औषधि केन्द्र को पीएम मोदी ने देश को समर्पित कर दिया है। मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा गरीबों को ध्यान में रखते हुए और उनकी दवा की लागत को कम करने के उद्देश्य से इस योजना का क्रियान्वयन किया गया है।
इस योजना के अंतर्गत दवाएं औसत बाजार मूल्य की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती मिलती हैं। जिससे ग़रीबों के इलाज आसानी से हो रहा है।
श्री अरविन्द ने कहा है कि आज देशभर में 10,000 जन औषधि केन्द्र हैं, जहाँ ये दवाइयां उपलब्ध हैं। महंगी ब्रांडेड दवा जो एक गरीब परिवार लेने में असक्षम हो जाता हैं इन जन औषधि केन्द्रों से उन्हे राहत मिली है।
मधुमेह, हृदय रोग, थायराइड कई अन्य बीमारियों में बड़ी समस्या है जहां रोगियों को जीवन भर दवाएं लेने की आवश्यकता होती है।
वहीं प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र बहुत ही किफायती दामों पर अच्छी गुणवत्ता वाली दवा उपलब्ध कराने के रूप में अद्भुत काम कर रहा हैं। जिससे अनेक रोगी लाभान्वित हो रहे हैं। यह गरीबों-मध्यम वर्ग के लिए सस्ती दरों पर दवाएं खरीदने का केंद्र बन गया है।
दूसरी ओर जन औषधि केन्द्रों को अब ‘मोदी की दवा’ की दुकान’ कहा जा रहा है। 15 अगस्त को मा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि देश में 10 हजार जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। देवघर में 10 हजारवें केन्द्र के शुभारंभ के साथ ही पुनः यह साबित हो गया है कि मोदी सरकार कहने में नहीं करने की गारंटी देता है।
आगे मोदी की दवा दुकान जन औषधि केन्द्रों की संख्या 25 हजार तक की जाएगी। देश में 25 हजार जन औषधि केन्द्र हो जाएंगे, तो देशवासियों को बड़ी सुविधा मिलेगी, इसका फायदा सीधे जनता को होगा।
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