डरे-सहमे और ख़ुद में उलझे लोगों के पास देश के लिए कोई विजन नहीं–विजय कुमार सिन्हा।
वंशवादी और आर्थिक अपराधियों का जमघट है इंडी गठबंधन——-विजय कुमार सिन्हा।
तीन राज्यों में बीजेपी की जीत एक झांकी, अब बिहार, झारखंड और पूरे देश की बारी —विजय कुमार सिन्हा।
06 दिसंबर 2023
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल विपक्षी पार्टियों के शीर्ष नेताओं को थके, हारे, लाचार और बेबस करार दते हुए कहा है कि यह गठबंधन केवल जनता को भटकाने और भ्रमित करने के लिये कार्य कर रही है। इसमें शामिल नेताओं की राजनितिक दृष्टि कमजोर तो है ही साथ ही वे लोग शारीरिक और मानसिक रूप से भी कमजोर हैं। महागठबंधन में शामिल प्रमुख पार्टियों के शीर्ष नेताओं की लाचारी और बेबसी साफ़ झलक रही है। कभी कोई निमंत्रण न मिलने से लाचार है तो कोई आमंत्रण मिलने के बाद भी बैठक में शामिल न होने को बेबस है।
श्री सिन्हा ने कहा कि 18 जुलाई 2023 को बने इंडी गठबंधन अभी तक देश और राष्ट्रहित की बात करने के बजाये केवल बैठक कर अपना नेता चुनने में लगे हैं। इतने बैठकों के बाद भी अभी तक इस महागठबंधन के संयोजक तक का चुनाव नहीं हो पाया है। इससे साबित होता है कि ये लोग खुद में ही एक दूसरे से डरे और सहमे हुए हैं। ऐसे लोगों से देश के लिए बेहतर विजन की उम्मीद करना ख़ुद के समय की बर्बादी है। देश की विरासत पर चोट करने और राष्ट्र की संपत्ति को लूटने के मकसद से जुटने वाले महागठबंधन के जामत पर देश की जनता कभी भरोसा नहीं करेगी।
श्री सिन्हा ने कहा कि वंशवादी मानसिकता से ग्रसित राजनीतिक पार्टियों के अग्रणी नेताओं की नियत और नीति हमेशा से ही अपने और अपने परिवार के संवर्धन तथा वहीँ तक सत्ता सीमित रखने की रही है। ऐसे में इंडी गठबंधन में सक्रीय कई राजनेता इस मानसिकता के उदहारण हैं। कोई बेल पर बाहर है तो कोई आर्थिक अपराध में संलिप्त है। जिसका संज्ञान पूरे देश को है। यह गठबंधन अपनी आंतरिक कलह से जूझ रही है और एक दूसरे पर दोषारोपण का कार्य शुरू हो गया है। जनसरोकार तथा सामाजिक विकास के मुद्दे इनकी बैठकों का कभी मुद्दा रहा ही नहीं है। ये सारे लोग मिलकर केवल देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता व् उनके ख़िलाफ़, विरोध के स्वर को ऊँचा करने में लगे हुए हैं। और इनकी इस योजना को बिहार ही नहीं बल्कि पूरा देश समझ रहा है।
श्री सिन्हा ने कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हुई प्रचंड जीत केवल एक झांकी है अब बिहार, झारखंड और पूरे देश की बारी है। आने वाले चुनावो में वंशवादी मानसिकता वाले महागठबंधन के लोगों को ऐसी सबक मिलेगी कि जिससे वो उनका अंतिम चुनाव होगा। हर हाल में ऐसे लोगों की विदाई निश्चित है। देश के दो तिहाई नौजवान विकसित हो रहे भारत में अपना भविष्य तलाश रहा है , मान-सम्मान और स्वाभिमान के साथ आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहा है। वो आत्मनिर्भर भारत का गवाह नहीं बल्कि भागीदार बनने वाला है। अब देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई होगी।
श्री सिन्हा ने कहा कि जनता को यह तय करना है कि वो कांग्रेस की गुलामी में वंशवादी और आर्थिक अपराधियों की जमात के साथ रहेगी या कमल के फूल पर विराजमान माँ लक्ष्मी का अभिनन्दन करते हुए 21 वीं सदी के भारत को सर्वोच्च शिखर पर पहुँचाने के अभियान में सहभागी बनेगी ।
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