सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला संवैधानिक रूप से वैध ठहाराया गया है। शीर्ष अदालत ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखा। शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखा है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार से लेकर विपक्ष और जम्मू-कश्मीर के नेताओं की तरफ से प्रतिक्रिया जताई गई। पीएम मोदी समेत बीजेपी के बड़े नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार के निर्णय की जीत बताया। वहीं, जम्मू कश्मीर के नेताओं ने इस पर दुख जताया। जानते हैं आखिर किसने क्या कहा।
अनुच्छेद 370 : संसद के फैसले पर संवैधानिक मुहर
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, आर्टिकल 370 हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आज का निर्णय ऐतिहासिक है, जो 5 अगस्त, 2019 को संसद में लिए गए फैसले पर संवैधानिक मुहर लगाता है। इसमें जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहनों के लिए उम्मीद, उन्नति और एकता का एक सशक्त संदेश है। माननीय कोर्ट के इस फैसले ने हमारी राष्ट्रीय एकता के मूल भाव को और मजबूत किया है, जो हर भारतवासी के लिए सर्वोपरि है। उन्होंने आगे लिखा कि मैं जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के अपने परिवारजनों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हम हर तरह से प्रतिबद्ध हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध हैं कि विकास का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। आर्टिकल 370 का दंश झेलने वाला कोई भी व्यक्ति इससे वंचित ना रहे। मोदी ने कहा कि आज का निर्णय सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज ही नहीं है, बल्कि यह आशा की एक बड़ी किरण भी है। इसमें उज्ज्वल भविष्य का वादा है, साथ ही एक सशक्त और एकजुट भारत के निर्माण का हमारा सामूहिक संकल्प भी है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहाकि जम्मू-कश्मीर के लोग हार नहीं मानेंगे, मान-सम्मान के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि निराश हूं लेकिन निरुत्साहित नहीं हूं। संघर्ष जारी रहेगा। यहां तक पहुंचने में भाजपा को दशकों लग गए। हम भी लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं, जिसमें अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के फैसले को बरकरार रखा गया है। इस पोस्ट के साथ उन्होंने हैशटैग ‘नया जम्मू कश्मीर’ भी लिखा। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त 2019 को, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का एक ‘दूरदर्शी’ निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि तब से जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति लौट आई है। प्रगति और विकास ने घाटी में मानव जीवन को नए अर्थ दिए हैं। पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में समृद्धि ने जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के निवासियों की आय के स्तर को बढ़ाया है।
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ‘दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि ‘भारी मन के साथ हमें इसे स्वीकार करना होगा’। आजाद ने शीर्ष अदालत के फैसले पर कहा कि जम्मू-कश्मीर में इस फैसले से कोई भी खुश नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमें इस फैसले की उम्मीद नहीं थी। हम सोच रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं और उस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर भी विचार करेगा जिसके तहत अनुच्छेद 370 को संविधान में शामिल किया गया था। यही हमारी आशा थी लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने ऑफिशियल अकाउंट से लिखा कि यह ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूती प्रदान करने वाला है। ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू- कश्मीर को देश की मुख्यधारा से जोड़ने वाले ऐतिहासिक कार्य के लिए 25 करोड़ प्रदेश वासियों की ओर से उनका पुनः हार्दिक आभार। निश्चित रूप से प्रधानमंत्री जी के यशस्वी नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख क्षेत्र सुशासन, विकास और समृद्धि के नए मापदंड स्थापित करेंगे।
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