पटना:हरतालिका तीज व्रत भारतीय महिलाओं के लिए बहुतआयने रखता है। इस व्रत को महिलाएं अपने पति के दीर्घायु और सफलत जीवन यात्रा के लिए करती हैं। इस व्रत के शुरू होने की बातें की जाती है तो कहा जाता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए रखा था। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। ये व्रत विवाहित महिलाओं के अलावा अविवाहित लड़कियों द्वारा भी रखा जाता है।
हरतालिका तीज का व्रत इस बार 9 सितंबर को मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार ये व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को आता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। ये व्रत विवाहित महिलाओं के अलावा अविवाहित लड़कियों द्वारा भी रखा जाता है। इस दिन निर्जला और निराहार व्रत किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए रखा था।
इस व्रत में पूरे दिन अन्न और जल ग्रहण नहीं किया जाता। व्रत रखने वाली महिलाएं अगले दिन जल ग्रहण करती हैं। मान्यता ये भी है की अगर एक बार ये व्रत शुरू कर दिया है तो फिर इसे छोड़ा नहीं जा सकता। हर साल इस व्रत को विधि विधान रखना होता है।
-व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन सोना नहीं चाहिए और रात्रि भर जागरण करना चाहिए।
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