धान खरीद में कमी के कारण राज्य के किसान परेशान, औने-पौने दाम में बेचने के लिए मजबूर-विजय कुमार सिन्हा।

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भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अराजकता के भंवर में फंस गए हैं राज्य के किसान, सरकार उदासीन।

52 दिन बीत जाने के बाद भी मात्र 8.15 प्रतिशत धान की खरीद चिंताजनक, कैसे होगा 45 लाख टन लक्ष्य की खरीद।

के वाई सी के नाम पर 25% से अधिक किसानों का नहीं किया जा रहा भुगतान।

पटना 22 दिसंबर 2023

बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार द्वारा 1 नवंबर से शुरू धान की खरीद का 52 दिन बीत जाने के बाद 45 लाख टन लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 3.90 लाख टन धान की खरीद चिंताजनक है। किसान बिचौलियों और अन्य एजेंसियों के माध्यम से औने-पौने दाम पर धान बेचने को मजबूर है।

श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार द्वारा धान की खरीद का कार्यक्रम विभागीय भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अराजकता के भंवर में फंस गया है। सरकारी धान खरीद केन्द्रों पर बिचौलिया हावी हो गए हैं। वे किसानों का धान आसानी से बिकने नहीं देते हैं। कई बार आने जाने की समस्या और भुगतान में विलंब के कारण किसान अपना धान बिचौलियों या अन्य स्थानीय एजेंसियों के माध्यम से बेचने पर मजबूर होते हैं। सरकार की उदासीनता के कारण अभी तक बेचे गए धान में से 25% से अधिक किसानों का भुगतान के वाई सी के नाम पर रोक रखा गया है।

श्री सिन्हा ने कहा कि धान खरीद के लिए 7387 क्रय केंद्र है। परन्तु धान की सरकारी खरीद का प्रदर्शन बहुत खराब है। 13 जिलों में 2 से 3 प्रतिशत ही धान खरीद हो पाया है जिसमें लखीसराय, मुंगेर, दरभंगा, नवादा, गोपालगंज और पटना भी शामिल है।

श्री सिन्हा ने सरकार से मांग की है कि देर से रोपनी का बहाना बनाना बंद कर धान खरीद में तेजी लायी जाये। इससे किसानों की समस्या का समाधान होगा। साथ ही सरकारी धान खरीद में भ्रष्टाचार, अराजकता और बिचौलियों को दूर करने हेतु भी प्रभावी कार्रवाई की जाये।

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