जलसंसाधन मंत्री रहते मोकामा-बड़हिया टाल क्षेत्र की समस्या का नहीं किया निदान,चल-चली की वेला में जल संसाधन मंत्री को पत्र खानापूरी-विजय कुमार सिन्हा।

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बिहार विधानसभा अध्यक्ष काल में मोकामा-बड़हिया टाल समस्या को किया था ध्यानाकर्षण समिति को सुपुर्द, आजतक प्रगति प्रतिवेदन सार्वजनिक नहीं,

सितम्बर 2020 में 1178.50 करोड़ की लागत से स्वीकृत टाल विकास योजना का किसानों को नहीं मिला लाभ, जल-जमाव का संकट बरकरार।

188.50 करोड़ की लागत से लखीसराय जिला, लखीसराय प्रखंड एवं पटना जिला के घोसवरी प्रखंड में कराये गए कार्य भी निष्फल।

टाल क्षेत्र के जल-जमाव निकासी हेतु 43 करोड़ की लागत से 61 अदद पईन की उड़ाही कार्य की हो निगरानी से जाँच।

पटना,26 दिसंबर 2023

बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि जल संसाधन मंत्री रहते हुए श्री ललन सिंह ने मोकामा-बड़हिया टाल क्षेत्र की वर्षों से जलजमाव की समस्या पर ध्यान नहीं दिया। अब एक सप्ताह पूर्व 19-12-2023 को वर्तमान जल संसाधन मंत्री को पत्र लिखकर समस्या का अध्ययन कराना चाहते हैं। चल-चली की वेला में पत्र लिखकर दायित्व से छुटकारा पाना चाहते हैं पर क्षेत्र की जनता उनसे जबाब मांगेगी।

श्री सिन्हा ने कहा कि ललन बाबू राज्य में पॉवरफुल मंत्री रहे हैं।क्षेत्र में एक सुलिस गेट निर्धारित समय में पूरा नहीं करा सके।कार्य पूरा करने में इतनी देरी लगती थी कि प्राक्कलन बढ़ कर दूना-तिगुना हो जाता था। मोकामा- बड़हिया टाल क्षेत्र इनके संसदीय क्षेत्र का इलाका है। 5 वर्ष से सांसद है। अब चुनाव के समय उन्हें टाल क्षेत्र की याद आयी है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जिनको जल संसाधन मंत्री बनाये उनको ही पत्र लिखने की नौबत आ गयी।

श्री सिन्हा ने कहा कि अपने विधानसभा अध्यक्ष कार्यकाल में उन्होंने मोकामा-बड़हिया टाल क्षेत्र के प्रश्न को प्रश्न एवम ध्यानाकर्षण समिति को सुपुर्द किया था।परन्तु आज तक न तो प्रतिवेदन दिया गया न ही इसकी प्रगति को सार्वजनिक किया गया।

श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार ने टाल विकास योजना के तहत सितम्बर 2020 में 1178.50 करोड़ रूपया की स्वीकृति दी। इसमें 74पईन का तल सफाई, इन पईनों पर 101 अदद पार पथ, 43 अदद चेक डेम/बीयर, 4 अदद एंटी फ्लड स्लूईस, धरोहर नदी के बाएं किनारे 71 किमी की लम्बाई में तटबंध निर्माण तथा दक्षिण छोड़ पर 37 किमी की लम्बाई में तटबंध निर्माण कार्य किया जाना था। पर ये कार्य कब,कहाँ और कैसे हुआ, इसकी जानकारी से प्रभावित क्षेत्र के लोगों को अन्धकार में रखा गया। मोकामा टाल क्षेत्र के चिंतामणि चक, टोंटा, मुरारपुर, दरियापुर, धरमपुर, हाथीदह खुर्द, माराची ग्राम सहित अनेक गाँवों की समस्या बनी हुई है।

श्री सिन्हा ने कहा कि 188.50 करोड़ की लागत से लखीसराय जिले के लखीसराय प्रखंड एवं अन्य जगह कराये जा रहे कार्य से किसानों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। ये भी निष्फल है।

श्री सिन्हा ने कहा कि लखीसराय, नालन्दा एवं पटना जिले के अंतर्गत टाल क्षेत्र के जल निकासी हेतु 61 अदद पाइनों की उड़ाही की गई और 43 करोड़ रुपये व्यय हुए। इसकी निगरानी जांच कराई जाए क्योंकि स्थानीय लोगों का कहना है कि इन योजनाओं में भारी लूट की गई है और कागज़ पर योजना को पूर्ण दिखाया गया है। जल-जमाव की समस्या यथावत है।

श्री सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री की राजनीतिक शुरुआत भी इसी टाल क्षेत्र से हुई है।ऐसे में उनका दायित्व है कि मोकामा-बड़हिया टाल क्षेत्र की समस्या का स्वयं संज्ञान लें औऱ जल जमाव से मुक्त करें।हम मुख्यमंत्री जी से आग्रह करते हैं कि पद त्याग करने से पुर्व इस हेतु कदम उठाएं ताकि यहाँ के किसान आप का गुणगान करें।

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