जल जीवन हरियाली दिवस पर जारी उपलब्धि का आँकड़ा सिर्फ कागज़ पर, धरातल पर हो योजनाओं की जाँच,
2 अक्टूबर 2019 को शुरू इस अभियान में अनियमितता के कारण गांधी जी का नाम भी हो रहा बदनाम ,
15 विभागों के द्वारा यह अभियान संचालित, पूर्व-वर्त्तमान मंत्री एवं अधिकारियों की संपति की हो जाँच ।
पटना 3 जनवरी 2024
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने जल-जीवन-हरियाली दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में जारी आंकड़ों को फर्जी बताते हुए दावा किया है कि ये आंकड़े कागज़ में ही सीमित है। धरातल पर जाँच करने पर फर्जीवाड़ा उजागर हो जायेगा।
श्री सिन्हा ने कहा कि 2 अक्टूबर 2019 को शुरू जल-जीवन-हरियाली योजना में 31 मार्च 2022 तक 24524 करोड़ रूपया व्यय हो चुका है। पुन: 2022 से 2025 तक के लिए 12568.97 करोड़ का आवंटन हुआ जिसमें से खर्च जारी है। इस 37 हज़ार करोड़ की विशाल राशि का अपव्यय और लूट के बजाय यदि सभी जिलों में 100-100 करोड़ दे दिया जाता तो विद्यालय के भवन और कमरे बन जाते। मात्र 3800 करोड़ लगता जो इस योजना में लग रही राशि का मात्र 10 प्रतिशत है। इसी तरह सरकारी अस्पताल का भी विकास किया जा सकता था।
श्री सिन्हा ने कहा कि 1.15 लाख तालाब व आहर का जीर्णोधार का दावा असत्य है। इसी प्रकार 13647 सरकारी भवनों में छत पर वर्षा जल संचयन का कार्य की सूचना दी गई है।हमारा सुझाव है कि श्रवण बाबु सभी भवनों को गिनवा ले। सच-झूठ का पता चल जाएगा। महात्मा गांधी के जन्म दिन 2 अक्टूबर को यह योजना शुरू की गई और ये लोग गांधी जी का नाम भी बदनाम कर रहे हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि इस योजना में 15 विभाग लगे हुए हैं। सभी प्रभारी पदाधिकारी अकूत संपति अर्जित कर लिए हैं। खुद डकारने के बाद उपर मंत्री तक ये राशि वितरण करते हैं। मंत्री एवं प्रभारी अधिकारियों की संपति की जाँच करने पर इसका खुलासा हो जायेगा।
श्री सिन्हा ने कहा कि 17 माह पूर्व महागठबंधन सरकार के अस्तित्व में आने पर लूट की छूट मिल गयी है। अब इन्हें न तो पकड़े जाने का डर है न ही ये वरीय पदाधिकारियों के वश में है। भाजपा की सरकार बनने पर इसकी जाँच करायी जायेगी।
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