पटना।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि राजधानी पटना में हुई महागठबंधन की जनविश्वास महारैली पूरी तरह से फ्लाप रही। बिहार में शक्ति प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखाने वाले महागठबंधन के कई दिग्गज नेता आधा गांधी मैदान भी नहीं भर पाए। राजद कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर अपनी उदंडता भी दर्शायी, जो राजद की परंपरागत पहचान रही है।
इस महारैली में महागठबंधन के नेताओं ने कुछ नया नहीं कहा। वही पुरानी बातों को दोहरायी, जो वो अक्सर झूठी बातें करते हैं। पीएम मोदी ने आज जिस प्रकार से देश के हर वर्ग को एक साथ लेकर उनके लिए विकास योजनाएं बनाई है। उससे विपक्ष पूरी तरह से परेशान दिखी। उनके पास पीएम मोदी के प्रति आलोचना करने लायक कुछ खास मुद्दें नहीं सुनने को मिले।
श्री पांडेय ने कहा कि जन विश्वास महारैली में महागठबंधन के सभी घटक दल यानी राजद, कांग्रेस, वाम दल, अखिलेश यादव की सपा समेत कई अन्य छोटे दल भी शामिल थे। मगर सभी ने मिलकर जिस प्रकार की भीड़ जुटाई वो ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो ये भाड़े की भीड़ हो। जो लोग आये थे वो आए नहीं बल्कि लाए गए थे। वहीं हमारे नेता यशस्वी प्रधानमंत्री को सुनने लोग स्वयं अपने विवेक से आते हैं। जितनी भीड़ अकेले पीएम मोदी के लिए आती है।
उससे आधी भीड़ इस महारैली में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, कांग्रेस के लोकसभा सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिक्कार्जुन खड़गे, वाम दल के नेता डी राजा, माकपा के सीताराम येचुरी, दीपांकर भट्टाचार्य के अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव सहित कई नेताओं को सुनने भी नहीं आयी। पटना। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि राजधानी पटना में हुई महागठबंधन की जनविश्वास महारैली पूरी तरह से फ्लाप रही।
बिहार में शक्ति प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखाने वाले महागठबंधन के कई दिग्गज नेता आधा गांधी मैदान भी नहीं भर पाए। राजद कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर अपनी उदंडता भी दर्शायी, जो राजद की परंपरागत पहचान रही है। इस महारैली में महागठबंधन के नेताओं ने कुछ नया नहीं कहा। वही पुरानी बातों को दोहरायी, जो वो अक्सर झूठी बातें करते हैं। पीएम मोदी ने आज जिस प्रकार से देश के हर वर्ग को एक साथ लेकर उनके लिए विकास योजनाएं बनाई है। उससे विपक्ष पूरी तरह से परेशान दिखी। उनके पास पीएम मोदी के प्रति आलोचना करने लायक कुछ खास मुद्दें नहीं सुनने को मिले। श्री पांडेय ने कहा कि जन विश्वास महारैली में महागठबंधन के सभी घटक दल यानी राजद, कांग्रेस, वाम दल, अखिलेश यादव की सपा समेत कई अन्य छोटे दल भी शामिल थे।
मगर सभी ने मिलकर जिस प्रकार की भीड़ जुटाई वो ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो ये भाड़े की भीड़ हो। जो लोग आये थे वो आए नहीं बल्कि लाए गए थे। वहीं हमारे नेता यशस्वी प्रधानमंत्री को सुनने लोग स्वयं अपने विवेक से आते हैं। जितनी भीड़ अकेले पीएम मोदी के लिए आती है। उससे आधी भीड़ इस महारैली में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, कांग्रेस के लोकसभा सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिक्कार्जुन खड़गे, वाम दल के नेता डी राजा, माकपा के सीताराम येचुरी, दीपांकर भट्टाचार्य के अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव सहित कई नेताओं को सुनने भी नहीं आयी।
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