साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवाँ विरासत पटना में आयोजित किया जाएगा।

81 0

~ साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत भारत के सबसे लोकप्रिय और सबसे मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में से एक है, जो संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) और पर्यटन मंत्रालय (भारत सरकार) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

~पद्म भूषण पं. साजन मिश्रा और पं. स्वरांश मिश्रा, पद्मश्री मालिनी अवस्थी,प्रसिद्ध रबाब वादक पद्मश्री उस्ताद गुलफाम अहमद खान, अभिनेता फैज़ल मलिक, क़िस्साकार मनु सिकंदर ढींगरा, गज़ल गायक चंदन दास, सूफी गायक राजीव सिंह, शायर फरहत एहसास, शायर आज़म शकीरी, शायर जावेद मुशिरी, कथक नृत्यांगना विधा लाल सहित भारत भर के अन्य प्रसिद्ध कलाकार साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवाँ विरासत के मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।

पटना (बिहार); 3 अप्रैल, 2024; भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों में से एक साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत पहली बार पटना में आयोजित किया जा रहा है। यह सांस्कृतिक कार्यक्रम 5 और 6 अप्रैल, 2024 (शुक्रवार और शनिवार) दोपहर 2 बजे से, प्रेम चंद रंगशाला, सैदपुर रोड, राजेंद्र नगर, पटना, बिहार में आयोजित किया जा रहा है। इस सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) और पर्यटन मंत्रालय (भारत सरकार) के सहयोग से किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से निपुण भारतीय कलाकार भाग लेंगे एवं प्रदर्शन करेंगे।

सभी दर्शकों के लिए प्रवेश निःशुल्क रहेगा।

दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शनों के साथ दर्शकों को बांधे रखने तथा उनका मनोरंजन करने का वादा करता है।

5 अप्रैल, 2024 – पहला दिन (दोपहर 2.00 बजे से):
कार्यक्रम की शुरुआत ‘अभी तुक रोते रोते सो गया है’ के साथ होगी, जो एक रोमांटिक कवि सम्मेलन और मुशायरा है जो महान शायर मीर तकी मीर को उनके जन्म के 300 साल पूरे होने पर समर्पित है। इसमें भारत के कुछ बेहतरीन तथा प्रसिद्ध शायर और कवि सम्मिलित होंगे – फरहत एहसास, आज़म शकीरी, जावेद मुशिरी, रामायण धर द्विवेदी, गौतम राजऋषि, अश्विनी कुमार चंद, कुँवर रंजीत चौहान, अनस फैज़ी और शाकिर देहलवी। विधा लाल एवं समूह का कथक नृत्य प्रदर्शन ‘रक्स – घुंघरू बोल उठे’ उत्सुकता से भरा एक और प्रदर्शन है। ‘सुर संध्या’ शास्त्रीय गायन पद्म भूषण पं. साजन मिश्रा और पं. स्वरांश मिश्रा दिन का सर्वोच्च बिंदु होंगे। दिन का अंतिम प्रदर्शन प्रसिद्ध लोक एवं शास्त्रीय गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी के साथ ‘सुर यामिनी’ होगा।

6 अप्रैल, 2024 – दूसरा दिन (दोपहर 2.00 बजे से):
दूसरे दिन की शुरुआत तेज रफ्तार उर्दू शायरी खेल ‘बैतबाज़ी’ से होगी। किस्सा हीर रिस शाह – मूल कहानी का प्रदर्शन मनु सिकंदर ढींगरा द्वारा कश्मीर के रबाब वादक पद्मश्री उस्ताद गुलफाम अहमद खान के साथ किया जाएगा। दर्शक एक दिलचस्प पैनल चर्चा ‘आज के दौर का सिनेमा ओटीटी की शक्ल में’ की प्रतीक्षा कर सकते हैं, जिसमें पंचायत के प्रसिद्ध अभिनेता फैज़ल मलिक कुंवर रंजीत चौहान के साथ बातचीत करेंगे। दिन का सर्वोच्च बिंदु कश्मीर के रबाब वादक पद्मश्री उस्ताद गुलफाम अहमद खान का वाद्य प्रदर्शन होगा। गायक चंदन दास की महफ़िल-ए-ग़ज़ल दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने का वादा करती है। कार्यक्रम का समापन राजीव सिंह एंड ग्रुप के सूफी गायन से होगा।

साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब के कवि तथा संस्थापक कुंवर रंजीत चौहान ने आगामी कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए कहा, ‘साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवाँ विरासत’ एक भारतीय राज्य से दूसरे राज्य में जाकर अधिक से अधिक लोगों को जीवंत भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य से जोड़ रहा है। देश भर के कई राज्यों में शानदार सफलता के बाद, हमें सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और विरासत वाले शहर पटना पहुंचकर खुशी हो रही है। हमें विनम्रता के साथ गर्व है कि निपुण, प्रसिद्ध और सम्मानित कलाकार हमारे मंच पर प्रस्तुति देने के लिए सहमत हुए हैं। हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग आएं और इन कलाकारों की प्रतिभा को देखें। हम भारतीय युवाओं को अधिक से अधिक जोड़ना चाहते हैं और उन्हें हमारी भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य की जीवंतता दिखाना चाहते हैं तथा उन्हें सार्थक कला तक पहुंच प्रदान करना चाहते हैं। हम संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) और पर्यटन मंत्रालय – अतुल्य भारत (भारत सरकार) के अमूल्य समर्थन के लिए आभारी हैं।

साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों – दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर में आयोजित किया गया है और आगे भी कई और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जारी रहेगा। ‘साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत’हमारे देश की विरासत का सार प्रस्तुत करता है जो भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य के रूप में जीवंत है।

साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित सबसे बड़े प्लेटफार्मों में से एक है जो प्रामाणिक स्वरूपों और सच्ची भावना के संरक्षण तथा पोषण की दिशा में कार्य कर रहा है।

प्रदर्शन और सत्र साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब के सोशल मीडिया पेजों पर भी उपलब्ध होंगे:
https://youtube.com/c/JASHNEADAB
https://www.facebook.com/Jashneadab/
https://instagram.com/jashneadab_foundation?utm_medium=copy_link


अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें: दिव्या मेहरा: 9811753523

~

Related Post

चरित्रहीन

Posted by - अगस्त 16, 2021 0
-अनामिका सिंह अविरल कहानी के पात्र_ लाखन, सीता,मोहन,अजय, तीन छोटे बच्चे, सोनू,मोनू,अंजली। आज भी कोई ख़ास बात नहीं थीं आम…

गीत

Posted by - सितम्बर 20, 2021 0
तुम्हें चाहने के लिए तुम्हें चाहने के लिए मैंने नहीं जोड़े हाथ ना माँगी मन्नत मैंने, ना मैंने बांधे धागे…

खुदा बख्श लाइब्रेरी में रंगमंच एवं नाटक के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के प्रोफेसर अजय मलकानी एवं डॉ. आसिफ अली हैदर खान का व्याख्यान।

Posted by - जुलाई 26, 2023 0
पटनाः 23.7.2023- खुदा बख्श लाइब्रेरी में 26 जुलाई 2023 को दोपहर 3 बजे खुदाबख्श लाइब्रेरी में रंगमंच एवं नाटक के…
Translate »
Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
LinkedIn
Share
WhatsApp