किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के आमौर विधानसभा में एनडीए प्रत्याशी मास्टर मोजाहिद आलम के समर्थन में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि सीमांचल का इलाका कभी मानव सृजित त्रासदी का शिकार नहीं बना और ना ही नफरत और भेदभाव से खुद को कभी कलंकित होने दिया है। ‘‘न्याय के साथ विकास’’ हो या फिर ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’’ सीमांचल को इस बात की समझ विरासत में मिली है।
उन्होंने अपील करते हुए कहा कि मोदी-नीतीश की जोड़ी का हाथ मजबूत करने के लिए किशनगंज से एनडीए उम्मीदवार मास्टर मोजाहिद आलम को भारी मतों से जीत दिलाना है। पिछली बार 40 में से 39 सीटों पर एनडीए की जीत हुई थी, बस एक किशनगंज की कसर रह गई थी। इस बार हमें मिलकर वो कसर भी पूरा करना है। 4 जून को वोटों की गिनती के साथ केवल हमारी जीत का पैगाम ही नहीं आएगा, बल्कि हमारे लोकतंत्र का नया सूर्योदय भी होगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि श्री नीतीश कुमार के 18 वर्षों के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों के उत्थान में बिहार में ऐतिहासिक काम हुए हैं। बिहार में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया। 2005 से पहले अल्पसंख्यक कल्याण का जो बजट में साढ़े तीन करोड़ से भी कम था, वो आज बढ़कर 700 करोड़ का हो गया। श्री नीतीश कुमार के शासन में भागलपुर के दंगा पीड़ितों को न्याय मिला साथ ही किशनगंज में बहुप्रतीक्षित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की शाखा खोलने के लिए 224 एकड़ भूमि का निरूशुल्क हस्तांतरण किया गया। उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति, मदरसों का आधुनिकीकरण या कब्रिस्तानों की घेराबंदी हो, मा0 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बेमिसाल काम किया है।
साथ ही भागलपुर की जनसभा में राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आपातकाल थोपने वाले लोग कभी संविधान के हिमायती नहीं हो सकते हैं। संविधान का झूठा भय दिखाकर विपक्ष सिर्फ अपना सत्ता हित साधना चाहता है। जिस कांग्रेस ने 1975 में संविधान को कुचलने का काम किया आज वही कांग्रेस संविधान प्रेमी होने का आडंबर कर रही है। उन्होंने कहा कि देश की जनता यह जानती है कि संविधान को असली खतरा कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों से है
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