23/04/2024
पटना: आज जदयू कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को जदयू प्रवक्ता हेमराज जी एवं निहोरा यादव जी के साथ संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महिला सशक्तिकरण का असली नायक बताया.
उन्होंने कहा कि यह किसी से छिपा नहीं है कि लालू-राबड़ी काल में सबसे अधिक कहर बिहार की महिलाओं पर ही टूटता था. राबड़ी जी के रूप में एक महिला के मुख्यमंत्री होने पर भी यहां की महिलाओं को उनका हक मिलना तो दूर की बात थी वह लोग शाम ढलने के बाद घरों से बाहर नहीं निकलती थी. एक महिला मुख्यमंत्री होते हुए भी यहां होने वाले दुष्कर्म, महिलाओं के अपहरण जैसे जघन्य मामलों ने पराकाष्ठा पार कर दी थी. उनके जंगलराज ने न जाने कितनी माताओं की गोद सुनी कर दी और न मालूम कितनों के सुहाग उजाड़ दिए. बिहार की बेटियां नौकरी करना तो दूर स्कूल-कॉलेज के लिए बाहर निकलने तक में डरती थीं. वह काल इतना भयावह था गरीबों और मध्यम वर्ग की कौन कहे, ताकतवर माने जाने वाले बड़े सरकारी अफसरों तक की बहू-बेटियां भी सुरक्षित नहीं थी.
उन्होंने कहा कि राजद के राज में दहेज के लिए होने वाली हत्याएं व बाल विवाह जैसी घटनाएं आम हो चुकी थी. यहां तक कि महिलाओं को शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया नहीं थी.
लेकिन नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद स्थितियां बदलीं और पहली बार आधी आबादी को उनकी ताकत का एहसास हुआ और उन्हें सम्मान, सुरक्षा और वाजिब हक मिलना शुरू हुआ. आज नीतीश सरकार के कारण ही बिहार की महिलाओं को उनकी आधी आबादी के अनुरूप पंचायत और नगर निकायों के चुनावों में 50% आरक्षण का लाभ मिल रहा है. इससे राबड़ी जी के राज में घरों में कैद रहने वाली महिलाएं आज आगे बढ़कर समाज का नेतृत्व कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिक्षा से लेकर रोजगार तक के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी द्वारा शुरू की गयी क्रांतिकारी योजनाओं ने भी आज बिहार की महिलाओं का जीवन बदल दिया है. इसी वजह से पहले घर से बाहर निकलने में झिझकने वाली बिहार की महिलाएं आज पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं. .
उन्होंने कहा कि सत्ता संभालते ही नीतीश जी ने बिहार की बेटियों को शिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष ध्यान दिया.मुख्यमंत्री बालिका साइकिल व पोशाक योजना लड़कियों की शिक्षा के क्षेत्र में गेम चेंजर योजना साबित हुई. इससे स्कूलों में लड़कियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. इसी के परिणाम स्वरूप जहां राबड़ी जी के राज के 12% की तुलना में आज स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या 98% से अधिक हो गयी है.
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश सरकार ने ही बिहार की लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बिहार में इंटरमीडिएट पास अविवाहित लड़कियों को 25 हजार रुपये और स्नातक पास लड़कियों को 50 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान किया है. इसके अलावा मेडिकल, इंजीनियरिंग और प्रस्तावित स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में नामांकन के लिए भी में 33 प्रतिशत सीट लड़कियों के लिए आरक्षित कर दिया गया है. ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल से ही बिहार देश का ऐसा पहला राज्य बना जहां महिलाओं को पुलिस विभाग व अन्य सरकारी नौकरीयों में 35 फीसदी का आरक्षण दिया गया. इसी सरकार ने महिलाओं के लिए शिक्षा विभाग की नौकरियों में 50 प्रतिशत तक आरक्षण का प्रावधान भी किया हुआ है.
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश सरकार के कारण ही आज बिहार में 2 लाख से अधिक महिला शिक्षिकाएं काम कर रही हैं और आने वाले समय में हजारों और महिलाओं की नियुक्ति होने वाली है. सरकार की महिला समर्थक नीतियों के कारण ही आज राज्य में 29,175 महिलाएं पुलिस विभाग में काम कर रही हैं, जो देश के किसी भी राज्य से ज्यादा है. पोस्टिंग में 35.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिहार की बेटियों को उनके जन्म से लेकर शिक्षा तक के लिए भी सरकार ने अनेकों प्रावधान किये हुए हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत उन्हें तकरीबन 1 लाख रु की राशि विभिन्न चरणों में प्रदान की जा रही है. सरकार की महिला उद्यमी योजना के तहत अपना उद्योग स्थापित करने की इच्छुक महिलाओं को 10 लाख रुपये तक की मदद की जा रही है. यही नहीं जीविका योजना के तहत महिलाओं को सामाजिक स्तर पर भी सशक्त किया जा रहा है. इसके तहत अभी तक तकरीबन 10.45 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिससे एक करोड़ 30 लाख परिवारों की गरीब महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं, यहां तक कि इससे कई जीविका दीदियाँ तो लखपति तक बन चुकी हैं. इसके अतिरिक्त बाल विवाह और शराब के खिलाफ उठाये गये क़दमों से भी महिलाओं को सर्वाधिक फायदा मिला है.
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